Credit card tips: एक क्रेडिट कार्ड का बिल दूसरे से चुकाना जोखिम भरा या फायदे का सौदा? जान लें

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एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे का बिल चुकाना संभव है या नहीं, जान लें। 

Credit card tips: एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे का बिल चुकाना संभव लेकिन सीधे नहीं। बैलेंस ट्रांसफर सबसे सुरक्षित रास्ता है। ऐसा करने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी।

Credit Card Tips: कभी न कभी ऐसा वक्त आता है, जब महीने के आखिर में क्रेडिट कार्ड का बिल उम्मीद से ज्यादा भारी लगने लगता है। बचत कम हो और खर्च सामने खड़ा हो, तो दिमाग में एक ही सवाल घूमता है कि क्या एक क्रेडिट कार्ड का बिल दूसरे कार्ड से चुकाया जा सकता है? जवाब है- हां, लेकिन सीधे नहीं और बिना सोचे-समझे बिल्कुल नहीं।

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ज्यादातर बैंक सीधे कार्ड से कार्ड पेमेंट की इजाजत नहीं देते। यानी आप एक कार्ड स्वाइप करके दूसरे का बिल नहीं चुका सकते। असल में, इस तरह की पेमेंट बैलेंस ट्रांसफर, क्रेडिट कार्ड लोन या थर्ड-पार्टी ऐप के जरिए होती है। इन तरीकों में रकम को ऐसे फॉर्म में बदला जाता है, जिसे दूसरा कार्ड या बैंक स्वीकार कर सके।

बैलेंस ट्रांसफर सबसे सुरक्षित तरीका

अगर समझदारी से किया जाए, तो बैलेंस ट्रांसफर सबसे साफ और बेहतर विकल्प माना जाता। कई बैंक कम ब्याज या कुछ महीनों तक जीरो परसेंट ब्याज पर पुराने कार्ड का बकाया नए कार्ड में ट्रांसफर करने की सुविधा देते। इससे तुरंत राहत मिलती लेकिन सावधानी जरूरी है। ऑफर खत्म होते ही ब्याज दर अचानक बढ़ सकती, जिससे बोझ और भारी हो सकता।

कुछ डिजिटल पेमेंट ऐप क्रेडिट कार्ड से वॉलेट या बैंक अकाउंट में पैसे डालने की सुविधा देते हैं। इसके बाद उसी पैसे से दूसरे कार्ड का बिल चुकाया जा सकता है। हालांकि, इस तरीके में 1 से 3 फीसदी तक प्रोसेसिंग फीस लगती। यह विकल्प तभी ठीक है, जब यह खर्च उस ब्याज से कम हो, जो सीधे बिल न भरने पर लगता।

फीस और ब्याज का पूरा हिसाब जरूरी

मान लीजिए आपने 40000 रुपये का बिल एक कार्ड से दूसरे कार्ड के जरिए चुका दिया। उस वक्त यह राहत लग सकती है, लेकिन अगर प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी और बाद का ब्याज जोड़ दिया जाए, तो यही रकम महंगी पड़ सकती है। इसलिए हर स्टेप से पहले कैलकुलेशन बेहद जरूरी है।

क्रेडिट स्कोर को नुकसान न होने दें

सबसे अहम बात ये है कि ड्यू डेट मिस न करें। चाहे आप किसी भी तरीके से पेमेंट कर रहे हों। पहला कार्ड समय पर क्लियर होना चाहिए। एक दिन की देरी भी क्रेडिट स्कोर गिरा सकती है। साथ ही, दूसरा कार्ड पूरा भर देना भी ठीक नहीं है, क्योंकि ज्यादा क्रेडिट यूटिलाइजेशन स्कोर पर असर डालता है।

आदत नहीं, सिर्फ इमरजेंसी उपाय

एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे का बिल चुकाना अस्थायी समाधान है, स्थायी रास्ता नहीं। अगर यह बार-बार करना पड़ रहा है, तो खर्चों की प्लानिंग या कर्ज को सही तरीके से कंसॉलिडेट करने की जरूरत है। सही प्लानिंग और कंट्रोल के साथ यह तरीका आपको थोड़ा वक्त और सांस लेने की जगह दे सकता है। लेकिन लापरवाही से अपनाया गया यही तरीका चुपचाप कर्ज बढ़ा देता है।

(प्रियंका कुमारी)

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