Stock market: सेसेंक्स 500 अंक टूटा, 2 लाख करोड़ स्वाहा, आखिर क्यों गिरा भारतीय शेयर बाजार?

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लगातार 6 दिन की तेजी के बाद शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार गिर गया। 

Stock market: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार (22 अगस्त) को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 500 से अधिक अंक टूट गया और निवेशकों के 2 लाख करोड़ खाक हो गए। आखिर क्यों गिरा भारतीय शेयर बाजार।

Indian Stock market Falls: भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला शुक्रवार (22 अगस्त) को टूट गया। लगातार 6 दिन हरे निशान पर बंद होने के बाद शेयर बाजार में शुक्रवार को बड़ी गिरावट दर्ज हुई। सुबह के कारोबार में ही सेंसेक्स करीब 530 अंक टूट गया और गिरकर 81470 पर आ गया। वहीं, निफ्टी में भी करीब 170 अंक की गिरावट दर्ज की गई और निफ्टी 24920 तक आ गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 2 लाख करोड़ कम हो गया।

सेंसेक्स की कंपनियों में एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एनटीपीसी प्रमुख रूप से पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। बता दें कि निवेशकों का ध्यान इस वक्त अमेरिका के जैक्सन होल कॉन्फ्रेंस और उससे निकलने वाली बातों पर लगा है। इसके चलते वो एहतियात बरत रहे। शुक्रवार को सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स- चाहें बैंक निफ्टी, निफ्टी आईटी, निफ्टी ऑटो और एफएमसीजी सभी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। बैंकिंग इंडेक्स भी करीब 1 फीसदी टूटे हैं।

आखिर क्यों बाजार में ऐसी गिरावट आई। क्या हैं इसके कारण आइए जानते हैं।

बाजार में हो रही मुनाफावसूली

सेंसेक्स और निफ्टी में लंबे वक्त के बाद लगातार 6 दिन से तेजी जारी थी। इसके बाद से निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग करना शुरू किया था। इसी वजह से आईटी और फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में भी अच्छी खासी बिकवाली देखने को मिली। इसके कारण से सेंसेक्स और निफ्टी के ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स दबाव में आ गए।

जेरोम पॉवेल के प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर घबराहट

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन, जेरोम पावेल देर शाम जैक्सन होल कॉन्फ्रेंस में भाषण देंगे। इसमें अमेरिका की मॉनिटरी पॉलिसी की भविष्य की दिशा को लेकर संकेत मिलेंगे। इसी वजह से भारतीय शेयर बाजार में एक घबराहट और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इसलिए निवेशक मुनाफावसूली कर रहे। इस भाषण में सितंबर की मॉनिटरी पॉलिसी की दिशा को लेकर संकेत मिल सकते हैं।

अमेरिकी टैरिफ की भी चिंता

भारत पर 4 दिन बाद यानी 27 अगस्त से अमेरिकी ट्रैफिक लागू होने वाला है। अतिरिक्त 25 फीसदी के टैरिफ ने निवेशकों के सेंटीमेंट को कमजोर किया है। जियोजित इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार ने बताया, 'अगर 25% की पेनल्टी टैरिफ लागू होता है तो भारत की विकास दर पर इसका असर पहले के जताए अनुमान से 20 बेसिस पॉइंट्स से अधिक हो सकता और बाजार इससे अछूता नहीं रहेगा।

भारतीय रुपया कमजोर

भारतीय रुपया शुक्रवार को 11 पैसे फिसलकर 87.36 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर की मांग बढ़ रही है लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के निवेश और कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी ने अभी तक बड़े नुकसान से बचाया है।

(प्रियंका कुमारी)

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