Dollar vs INR: भारतीय रुपये में बड़ी गिरावट, यूएस डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो पर

US Dollar vs Indian rupee fall news
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यूएस डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 

US Dollar vs INR: भारतीय रुपये ने 11 दिसंबर को 90.47 प्रति डॉलर का अब तक का सबसे निचला स्तर छू लिया। कमजोर डॉलर के बावजूद बड़े पैमाने पर डॉलर डिमांड,ट्रेड डिफिसिट और ग्लोबल अनिश्चितता ने भारतीय करेंसी की गिरावट बढ़ाई।

US Dollar vs INR: भारतीय रुपये की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही। 11 दिसंबर को करंसी एक बार फिर फिसलकर रिकॉर्ड लो पर पहुंच गई। दोपहर 1:40 बजे रुपये में 0.5% की कमजोरी दिखी और यह 90.47 प्रति डॉलर पर ट्रेड करता दिखा, जो 4 दिसंबर को बने 90.42 के पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ गया। इस गिरावट के साथ साफ है कि 2025 रुपये के लिए सबसे चुनौतीभरे सालों में से एक बन रहा ।

असल दबाव वहीं से शुरू होता है जहां भारत का बाहरी सेक्टर कमजोर होने लगता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश घटा है। अमेरिका ने भारतीय एक्सपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाए हैं,और ग्लोबल मार्केट ब्याज दरों व बॉन्ड यील्ड के उतार-चढ़ाव से भरे पड़े हैं। ये तमाम फैक्टर रुपये की गिरावट को रोज थोड़ा और गहरा कर रहे।

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गिरा

गुरुवार को एशियाई मुद्राएं मिलीजुली रफ्तार में थीं जबकि डॉलर इंडेक्स फेड के फैसले के बाद 2 महीने की गिरावट से हल्का उछला। आमतौर पर डॉलर कमजोर पड़े तो रुपये को सांस लेने का मौका मिलता है लेकिन इस बार कहानी उलटी रही। ट्रेडर्स के मुताबिक विदेशी और घरेलू प्राइवेट बैंकों की बड़ी-बड़ी डॉलर खरीद ने बाजार में अतिरिक्त दबाव बनाया है। संभावना है कि यह खरीद मर्चेंट पेमेंट्स से जुड़ी हुई है।

फेड की फ्यूचर पॉलिसी को लेकर आशंका

इस बीच,फेड की 2026 पॉलिसी को लेकर दुनिया भर में बड़ी अनिश्चितता है। खासकर इसलिए क्योंकि मई 2026 में नया फेड चेयर पद संभालेगा। यही कारण है कि 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4% से बढ़कर 4.20% तक पहुंच गई। बॉन्ड यील्ड बढ़ती है तो ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशंस और टाइट होती हैं और इसका सीधा असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर पड़ता है।

गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अक्टूबर में रिकॉर्ड गुड्स ट्रेड डिफिसिट और कमजोर कैपिटल इनफ्लोज ने भारत के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स को और बिगाड़ा है। वहीं पिछले एक-दो हफ्तों में आरबीआई की तरफ से घटाई गई डॉलर सेलिंग ने भी रुपये की वोलैटिलिटी को बढ़ा दिया है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के दिलीप पर्मार का कहना है कि रिकॉर्ड लो टूटते ही कई स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो गए। ट्रेंड अभी साफ डाउनवर्ड है। अगला लेवल 90.70 पर नजर है।

(प्रियंका कुमारी)

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