Indian Gold Stock: RBI के पास कितना सोना है? विदेशों से 100 मीट्रिक टन गोल्ड मंगवाने की क्या थी वजह, पढ़ें डिटेल

RBI ने विदेशों से 100.32 मीट्रिक टन सोना वापस मंगवाया।
Indian Gold Stock: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक अहम कदम उठाते हुए विदेशों में जमा 100.32 मीट्रिक टन सोना भारत वापस मंगवाया है। यह फैसला वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के बीच लिया गया है, जहां दुनिया के अधिकांश केंद्रीय बैंक अपनी संपत्तियों को सुरक्षित रखने की दिशा में रणनीतिक फैसले ले रहे हैं। सोना इस समय सबसे सुरक्षित निवेश मानी जाने वाली संपत्तियों में से एक है और RBI का यह निर्णय इसी रणनीति का हिस्सा है।
इस कदम का मकसद केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि घरेलू गोल्ड रिजर्व को मजबूत करना भी है, ताकि ज़रूरत पड़ने पर बाजार में सोने की कीमतों को संतुलित किया जा सके। यह फैसला न सिर्फ देश की वित्तीय सुरक्षा को मजबूती देगा, बल्कि आम निवेशकों और ग्राहकों के लिए भी राहतभरा साबित हो सकता है।
RBI के पास अब कितना सोना है?
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2025 तक RBI के पास कुल 879.58 मीट्रिक टन सोना मौजूद था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 57.48 मीट्रिक टन अधिक है। इसमें से 311.38 मीट्रिक टन सोना Issue Department के पास और 568.20 मीट्रिक टन Banking Department के पास दर्ज है। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि रिजर्व बैंक लगातार अपने गोल्ड होल्डिंग को बढ़ा रहा है।
कितना सोना भारत में और कितना विदेश में है?
RBI द्वारा वापस मंगवाए गए सोने के बाद अब भारत में रखा गया फिजिकल गोल्ड बढ़कर 200.06 मीट्रिक टन हो गया है, जबकि विदेशों में रखा गया सोना घटकर 367.60 मीट्रिक टन रह गया है। पिछले साल विदेशों में 413.79 मीट्रिक टन सोना था, यानी करीब 46 मीट्रिक टन की कमी आई है।
भारत का सोना किन देशों में रखा है?
भारत का अधिकांश विदेशी सोना लंदन स्थित Bank of England की तिजोरी में सुरक्षित रखा गया है। इसके अतिरिक्त, स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में स्थित Bank for International Settlements (BIS) और अमेरिका के Federal Reserve Bank of New York में भी सोना जमा है। इन जगहों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा और स्थायित्व के लिए जाना जाता है।
RBI ने सोना वापस क्यों मंगवाया?
वैश्विक अस्थिरता, युद्ध और जियोपॉलिटिकल रिस्क की बढ़ती आशंका के बीच RBI ने यह फैसला लिया है। विदेशों में जमा सोने पर असुरक्षा की आशंका और भारत में इसकी जरूरत को देखते हुए फिजिकल स्टॉक को देश में लाना रणनीतिक रूप से ज़रूरी बन गया था। यह देश की आर्थिक संप्रभुता को भी मजबूती देता है।
सोने की वैल्यू में कितनी बढ़ोतरी हुई?
31 मार्च 2024 को RBI के पास मौजूद सोने की वैल्यू ₹2,74,714.27 करोड़ थी, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर ₹4,31,624.80 करोड़ हो गई — यानी 57.12% की वृद्धि। इसकी मुख्य वजह रही:
54.13 मीट्रिक टन नई गोल्ड खरीद,
वैश्विक मार्केट में गोल्ड की कीमतों में उछाल,
और रुपये की वैल्यू में गिरावट।
आम लोगों को क्या होगा फायदा?
जब देश में ज्यादा सोना स्टोर होता है, तो ज़रूरत पड़ने पर RBI स्थानीय बाजार में इसकी सप्लाई बढ़ा सकता है, जिससे गोल्ड की कीमतों में स्थिरता लाई जा सकती है। इससे निवेशकों, गहने खरीदने वालों, और गोल्ड लोन लेने वालों को लाभ मिल सकता है।
