EY Report: अमेरिका छूटेगा पीछे! 2038 तक भारत बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था; रिपोर्ट में दावा

EY Report on Indian economy
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EY Report on Indian economy

EY Economy Report: EY रिपोर्ट के मुताबिक, 2038 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता। इस रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि अगर भारत घरेलू मांग बढ़ाने में सफल रहता है तो अमेरिकी टैक्स से भारत की जीडीपी पर 0.1% तक असर पड़ने का ही अनुमान है।

EY Economy Report: भारत की अर्थव्यवस्था 2038 तक 34.2 ट्रिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती और 2030 तक पर्चेजिंग पावर पैरिटी के मामले में 20.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। ऐसा EY (Ernst And Young) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर 2028 से 2030 के बीच भारत की औसत विकास दर 6.5 फीसदी और अमेरिका की 2.1% रही, तो भारत 2038 तक पीपीपी के लिहाज से अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। फिलहाल, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, चीन और अमेरिका के बाद।

इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ-साथ भारत को भी डेड इकोनॉमी कहा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उचित उपायों के साथ, भारत चुनिंदा भारतीय आयातों पर उच्च अमेरिकी टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव को वास्तविक जीडीपी वृद्धि के लगभग 10 आधार अंकों तक सीमित कर सकता है।

मार्केट रेट पर तीसरे नंबर पर आएगा भारत

ईवाई की रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भारत 2028 तक मार्केट एक्सचेंज रेट के आधार पर जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

अमेरिकी टैक्स का असर

रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का भी जिक्र किया गया है। 27 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50% तक टैरिफ लगा दिया है। इससे भारत के करीब 48 बिलियन डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा। सबसे ज्यादा झटका टेक्सटाइल, जेम्स-एंड-ज्वेलरी, चमड़ा, फुटवियर, झींगा मछली, केमिकल्स और मशीनरी जैसे सेक्टर्स को लगेगा। हालांकि फार्मा, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक सामान इस टैक्स के दायरे से बाहर रखे गए हैं।

अमेरिकी टैरिफ की मार कितनी बड़ी होगी?

EY ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि अमेरिकी टैक्स से भारत की जीडीपी का लगभग 0.9% प्रभावित हो सकता है। लेकिन अगर सरकार सही नीतियां अपनाती है और घरेलू मांग को बढ़ावा देती है, तो यह असर घटकर सिर्फ 0.1% तक रह जाएगा। यानी 2026 में भारत की अनुमानित 6.5% विकास दर घटकर 6.4% हो सकती है।

भारत की मजबूती

ईवाई इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डी के श्रीवास्तव के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा और स्किल्ड जनसंख्या, मज़बूत सेविंग-इन्वेस्टमेंट रेट और स्थायी ऋण प्रोफाइल है। यही वजह है कि वैश्विक उठापटक के बावजूद भारत लगातार तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत टेक्नोलॉजी और घरेलू मांग को मजबूत करता रहा, तो 2047 तक विकसित भारत का सपना हकीकत बन सकता है।

(प्रियंका कुमारी)

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