India's Inflation: आम आदमी को बड़ी राहत, 8 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

India's Retail Inflation: महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। सितंबर में मुद्रास्फीति घटकर 1.54 प्रतिशत रह गई, जो 8 साल से भी ज़्यादा समय में सबसे कम है। अगस्त में यह दो महीने के उच्चतम स्तर 2.07 प्रतिशत से कम है, जैसा कि सरकार द्वारा 13 अक्टूबर को जारी आंकड़ों से पता चलता है।
2025 में यह दूसरी बार है जब उपभोक्ता मूल्य वृद्धि 2 प्रतिशत से नीचे रही है, जो पूरे वर्ष देखी गई अवस्फीतिकारी प्रवृत्ति का एक निरंतर संकेत है। अगस्त में, खाद्य और ईंधन की कीमतों में गिरावट के कारण मुद्रास्फीति 8 साल के निचले स्तर 1.61 प्रतिशत पर आ गई।
रिटेल इंफ्लेक्शन 8 साल के निचले स्तर पर
ताजा आंकड़ों के मुताबिक आने वाले महीनों में मूल्य दबाव कम रहने की उम्मीद है। हाल ही में सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में रेशनलाइजेशन यानी दरों की समीक्षा की है, जिससे रोजमर्रा की कई चीजों के दाम में कमी आने की संभावना है।एक रिपोर्ट के अनुसार, GST कटौती का असर महंगाई की टोकरी के करीब 14% हिस्से पर पड़ेगा। यानी इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर दिखेगा।
इसी के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपना महंगाई अनुमान घटा दिया है। RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया है।
महंगाई दर 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को कहा था, 'हाल में किए गए जीएसटी रेट में संशोधन से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की कई वस्तुओं के दाम घटेंगे। कुल मिलाकर अगस्त के मुकाबले अब महंगाई का असर काफी नरम रहने की उम्मीद है।' आरबीआई के इस कदम के बाद अब महंगाई बैंक के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे है। यही वजह है कि अब फोकस विकास को बढ़ावा देने पर है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिसंबर में रिजर्व बैंक फिर से ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इस साल की शुरुआत से अब तक आरबीआई कुल 100 बेसिस पॉइंट (1%) की कटौती कर चुका है। अगर दिसंबर में और 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कमी होती है, तो लोन और ईएमआई दोनों सस्ते हो सकते हैं।
(प्रियंका कुमारी)
