ITR refund delay: आईटीआर रिफंड में क्यों हो रही देरी? CBDT चेयरमैन ने बताया, जानें कबतक आएगी राशि

ITR Delay reason cbdt chairman
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CBDT चेयरमैन ने बताया कि कई इनकम टैक्स रिटर्न असामान्य लगने के कारण अतिरिक्त जांच में।

ITR refund delay: CBDT चेयरमैन ने बताया कि कई इनकम टैक्स रिटर्न असामान्य लगने के कारण अतिरिक्त जांच में हैं। बड़े रिफंड वाले मामलों में ऑटोमेटेड चेक के चलते देरी हो रही।

ITR refund delay: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न का रिफंड अभी तक बहुत से टैक्सपेयर्स को नहीं मिला, और लोग लगातार पोर्टल पर लॉग इन करके वजह तलाश रहे। इस बीच, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने साफ किया है कि विभाग इस साल कई रिटर्न को असामान्य मानते हुए गहन जांच कर रहा। उनके अनुसार, इस साल 40% अधिक अपीलों का निपटारा भी किया गया, जिससे विभाग की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता।

अग्रवाल ने बताया कि कुछ रिफंड जल्दी मिल सकते हैं लेकिन जिन मामलों में रिफंड राशि बड़ी होती है, उनमें देरी की संभावना ज्यादा रहती है। इन देरी के पीछे कई कारण छिपे हो सकते हैं- जैसे ITR में किसी प्रकार की गणना संबंधी गलती, गलत दावा, समय सीमा पार कटौती का दावा, खर्च की अस्वीकृति, या फिर बैंक अकाउंट का ई-वेरिफिकेशन का पेंडिंग होना। विभाग की आईटीआर प्रक्रिया काफी हद तक ऑटोमेटेड है, इसलिए सिस्टम किसी भी त्रुटिपूर्ण फाइलिंग को तुरंत पकड़ लेता है।

हालांकि राहत की बात यह है कि रिफंड ज्यादा दूर नहीं हैं। चेयरमैन के अनुसार, शेष रिफंड इस महीने के अंत तक या दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, टैक्सबड्डी.कॉम के संस्थापक बांगर का कहना है कि बड़े रिफंड वाले रिटर्न को सिस्टम अतिरिक्त ऑटोमेटेड चेक में डाल देता है, जिससे प्रक्रिया लंबी हो जाती। इसके अलावा, विभाग रिफंड बैच में जारी करता है, जो उसके आंतरिक बजट और प्रोसेसिंग चक्र पर निर्भर करता है।

क्या करें जब ITR रिफंड में देरी हो?

करदाताओं को नियमित रूप से आयकर पोर्टल पर जाकर संभावित कारणों की जांच करते रहना चाहिए। कई बार दस्तावेज अधूरे रहते हैं, बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन पेंडिंग होता है, या फिर पिछली साल की देनदारी के समायोजन की वजह से रिफंड रोका जा सकता है।

कई मामलों में पोर्टल के वर्कलिस्ट टैब में एक कन्फर्मेशन रिक्वेस्ट आती है, जिसमें करदाता को यह सत्यापित करना होता है कि उसने रिफंड सही तरीके से क्लेम किया है या नहीं। यदि कोई गलत दावा किया गया हो, तो रिटर्न संशोधित करने का भी अवसर मिलता है। करदाता अपनी शिकायत सीधे पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं या फिर CPC हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं।

क्या देर से रिफंड पर ब्याज मिलेगा?

हां, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 244A के तहत रिफंड पर 0.5% प्रति माह (यानी 6% वार्षिक) ब्याज मिलता है। यदि आईटीआर समय पर फाइल किया गया है और रिफंड टीडीएस, टीसीएस या एडवांस टैक्स से पैदा हो रहा, तो ब्याज 1 अप्रैल से रिफंड मिलने की तारीख तक मिलेगा। हालांकि अगर रिटर्न देर से फाइल किया गया है, तो ब्याज केवल फाइलिंग की वास्तविक तारीख से लागू होगा। वहीं, यदि रिफंड राशि कुल टैक्स देनदारी के 10% से कम है, तो कोई ब्याज देय नहीं है।

(प्रियंका कुमारी)

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