Income tax Refund: फॉर्म-16 से मैच नहीं हुए दावे तो अटक गया इनकम टैक्स रिफंड, नोटिस आया तो क्या करें?

Income tax Refund delay
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Income tax Refund delay: अगर इनकम टैक्स रिटर्न में देरी हो रही तो ये गलती हो सकती है। 

Income tax Refund delay: फॉर्म-16 और आईटीआर में अंतर होने पर आयकर विभाग ने रिफंड रोक दिए हैं। रिफंड रद्द नहीं हुआ, गलती सुधारते ही प्रोसेस आगे बढ़ेगा। 31 दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने का मौका।

Income tax Refund delay: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए रिफंड का इंतजार कर रहे हजारों सैलरीड टैक्सपेयर्स का रिटर्न लंबे समय से अटका हुआ है। आयकर विभाग ने ऐसे कई मामलों में रिफंड प्रोसेसिंग अस्थायी रूप से रोक दी है, जहां रिटर्न में किए गए टैक्स छूट के दावे नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म-16 से मेल नहीं खा रहे।

आयकर विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को सीधे ई-मेल भेजे जा रहे। इन ई-मेल में कहा गया है कि रिटर्न में असामान्य रूप से ज्यादा रिफंड क्लेम किया गया है, जो विभाग की इंटरनल रिस्क चेक में पकड़ में आया। जांच में पाया गया कि आईटीआर में बताई गई छूट और फॉर्म-16 (Annexure-II) में दर्ज सैलरी डिटेल्स के बीच काफी बड़ा अंतर है, जिससे रिफंड अमाउंट बढ़ गया।

रिफंड रुका है पर रद्द नहीं हुआ

टैक्स एक्सपर्ट्स साफ कर रहे हैं कि यह रिफंड कैंसिल नहीं हुआ है, सिर्फ रोका गया है। जैसे ही टैक्सपेयर इस अंतर को ठीक करता है या सही तरीके से समझा देता है। रिफंड आगे बढ़ जाएगा। अक्सर यह गड़बड़ी हाउस रेंट अलाउंस, एलटीए या अन्य डिडक्शन को लेकर होती है। कई बार कर्मचारी रिटर्न में तो छूट क्लेम कर लेते हैं लेकिन वह फॉर्म-16 में शामिल नहीं होती क्योंकि जरूरी दस्तावेज समय पर नियोक्ता को नहीं दिए गए होते।

ई-मेल में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर टैक्सपेयर ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो इसे जानबूझकर की गई लापरवाही माना जा सकता है और भविष्य में मामला गहन जांच के लिए चुना जा सकता।

एक्सपर्ट इस मामले पर क्या कह रहे

सीए और टैक्स कंसल्टेंट अशोक मेहता के मुताबिक, "हर नोटिस को डर की नजर से नहीं देखना चाहिए। विभाग का मकसद स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है। अगर दावा सही है, तो उसे वापस लेने की जरूरत नहीं है।"

रिवाइज्ड रिटर्न की आखिरी तारीख

आयकर विभाग ने बताया है कि 31 दिसंबर 2025 तक असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए रिवाइज़्ड रिटर्न दाखिल की जा सकती। इस दौरान गलती सुधारने पर अतिरिक्त पेनल्टी नहीं लगेगी, सिवाय उस टैक्स के जो पहले से देय है। अगर किसी टैक्सपेयर ने पहले ही संशोधित रिटर्न फाइल कर दी है, तो वह इस ई-मेल को नजरअंदाज कर सकता है।

टैक्सपेयर क्या करें?

ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर आईटीआर, फॉर्म-16 और फॉर्म-26AS की लाइन-बाय-लाइन तुलना करें। अगर दस्तावेज पूरे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। गलती दिखे तो 31 दिसंबर 2025 से पहले रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करना बेहतर है।

टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक 1 जनवरी 2026 के बाद अपडेटेड रिटर्न भरनी पड़ेगी, जिसमें पेनल्टी का खतरा हो सकता है। इसलिए यह ई-मेल टैक्सपेयर के लिए एक मौका है, चेतावनी नहीं।

(प्रियंका कुमारी)

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