ITR Filing: फ्रीलांसिंग में कमा रहे हैं लाखों? ITR फाइल करने से पहले जान लें ये जरूरी टैक्स नियम

फ्रीलांसर्स आईटीआर भरने से पहले जान लें जरूरी बातें।
ITR Filing: भारत में फ्रीलांसिंग एक तेजी से बढ़ता प्रोफेशन बन चुका है। सोशल मीडिया मैनेजमेंट से लेकर ग्राफिक डिजाइनिंग और कंटेंट राइटिंग तक – हजारों युवा अब अपनी स्किल्स के दम पर घर बैठे कमा रहे हैं। लेकिन जहां काम की आज़ादी है, वहीं टैक्स से जुड़ी जिम्मेदारियां भी हैं। फ्रीलांसर को अपनी कमाई, खर्च और टैक्स से जुड़े हर नियम की जानकारी रखना बेहद जरूरी है, वरना गलती से भी ज्यादा टैक्स भरना या भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
नौकरीपेशा लोगों की तुलना में फ्रीलांसर को खुद अपना टैक्स फाइल करना होता है। ऐसे में अगर आपने अभी-अभी फ्रीलांसिंग शुरू की है या पहली बार ITR भरने जा रहे हैं, तो कुछ ज़रूरी नियम और प्रावधानों को समझना बेहद जरूरी है। जानिए TDS, GST और ITR से जुड़ी वो बातें जो हर फ्रीलांसर को पता होनी चाहिए।
TDS: पहले ही कट सकता है आपका टैक्स
फ्रीलांसिंग इनकम पर क्लाइंट 10% TDS काटकर सरकार को जमा करता है। यह आपकी असल इनकम से पहले ही टैक्स कटौती है। ऐसे में आप अपने क्लाइंट से Form 16A जरूर लें और उसे Form 26AS से मिलाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जितना टैक्स कटा है, उतना रिकॉर्ड में दिख रहा है। ITR फाइल करते समय आप इस कटे हुए टैक्स को क्लेम कर सकते हैं और दोबारा टैक्स देने से बच सकते हैं।
GST रजिस्ट्रेशन जरूरी है या नहीं?
अगर आपकी सालाना फ्रीलांसिंग इनकम ₹20 लाख (कुछ राज्यों में ₹10 लाख) से ज्यादा है, तो आपको GST रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। भारत में दी गई सर्विस पर 18% GST लगाया जाता है, जबकि विदेशों में दी गई सर्विस को एक्सपोर्ट माना जाता है और उस पर GST नहीं लगता। फिर भी रजिस्ट्रेशन और समय पर GST रिटर्न भरना अनिवार्य हो सकता है।
ITR-3 या ITR-4 कौन सा फॉर्म चुनें?
फ्रीलांसर ITR-3 या ITR-4 से फाइल कर सकते हैं। अगर आप Section 44ADA के तहत प्रेसम्प्टिव इनकम चुनते हैं, तो आप अपनी कुल इनकम के 50% हिस्से पर टैक्स भर सकते हैं। इससे बहीखाते रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती और प्रक्रिया आसान हो जाती है।
प्रोफेशनल खर्चों का रखें रिकॉर्ड
फ्रीलांसर के तौर पर आपके कुछ खर्च टैक्स में छूट दिला सकते हैं, जैसे कि ऑफिस रेंट, इंटरनेट बिल, सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन, ट्रैवल खर्च आदि। इन सभी की रसीदें और डिटेल्स संभाल कर रखें ताकि ITR फाइल करते समय सही तरीके से छूट मिल सके।
नियमों का पालन न किया तो हो सकती है परेशानी
टैक्स या GST नियमों का पालन न करने पर भारी जुर्माना, ब्याज और नोटिस का सामना करना पड़ सकता है। समय पर एडवांस टैक्स न भरने या गलत ITR फाइल करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच भी शुरू हो सकती है। इससे आपकी फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी को नुकसान पहुंच सकता है।
