credit card fraud: क्रेडिट कार्ड खो गया तो फ्रॉड से कैसे बचें? जानें स्टेप बाय स्टेप गाइड

अगर आपका क्रेडिट कार्ड खो जाए या चोरी हो जाए तो क्या करना चाहिए।
Lost credit card fraud: आज के डिजिटल युग में क्रेडिट कार्ड आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इसलिए क्रेडिट कार्ड को लेकर हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपका क्रेडिट कार्ड खो जाए या चोरी हो जाए, तो सबसे जरूरी है तुरंत कार्रवाई करना। एक मिनट की देरी भी फ्रॉड करने वालों को मौका दे सकती है आपके पैसों पर हाथ साफ करने का। आइए जानते हैं, ऐसे हालात में आपको क्या करना चाहिए ताकि नुकसान से बच सकें।
जैसे ही कार्ड गुम या चोरी होने का पता चले तो फौरन अपने बैंक की मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग पर जाकर कार्ड को ऑफ कर दें। एटीएम, पीओएस, ऑनलाइन और इंटरनेशनल सभी चैनल बंद कर दें। इसके बाद बैंक की हेल्पलाइन पर फोन करके कार्ड को हॉटलिस्ट करवाएं और रिप्लेसमेंट कार्ड की फौरन मांग करें। इस दौरान सर्विस रिक्वेस्ट या शिकायत नंबर लेना कभी न भूलें।
3 दिन के भीतर गुम होने की रिपोर्ट करें
अगर किसी तरह का अनधिकृत ट्रांजेक्शन दिखे, तो तीन वर्किंग डे के भीतर बैंक को लिखित रूप में सूचित करें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, समय पर रिपोर्ट करने पर आपको जीरो लायबिलिटी का फायदा मिलता है। यानी, आपके पैसे बैंक की जिम्मेदारी में होंगे। बैंक को 10 दिन के भीतर आपको प्रोविजनल क्रेडिट देना होगा। देर करने पर आपकी जिम्मेदारी बढ़ सकती है।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर फौरन कॉल करें
अगर आपके कार्ड से पैसे कट गए हैं, तो तुरंत नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे, पैसे के इधर-उधर होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। शिकायत नंबर और एक्नॉलेजमेंट बैंक को जरूर दें।
ट्रांजैक्शन डिस्प्यूट और पासवर्ड बदलें
हर अनाधिकृत ट्रांजैक्शन के लिए बैंक में औपचारिक शिकायत दर्ज करें। साथ ही नेट बैंकिंग पासवर्ड, कार्ड का नया पिन सेट करें और खोए हुए कार्ड को किसी भी ऑनलाइन वॉलेट या मर्चेंट से फौरन डिलीट कर दें।
स्टेटमेंट और क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखें
अपने स्टेटमेंट में छोटे-छोटे टेस्ट ट्रांजेक्शन या सब्सक्रिप्शन चार्जेज चेक करें। एसएमएस और ईमेल अलर्ट ऑन रखें। अगले कुछ हफ्तों तक क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखें और अगर कोई फर्जी अकाउंट दिखे तो तुरंत आपत्ति दर्ज करें। अगर बैंक से संतुष्ट समाधान न मिले, तो आरबीआई की इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम के तहत शिकायत कर सकते हैं।
अगर आपने समय पर रिपोर्ट किया है और फ्रॉड थर्ड पार्टी के कारण हुआ है, तो आपकी लायबिलिटी जीरो होगी। चौथे से सातवें दिन के बीच रिपोर्ट करने पर लिमिटेड लायबिलिटी लागू होती है। 7 दिन बाद बैंक की नीति लागू होती है। समय पर एक्शन लेकर आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं।
(प्रियंका कुमारी)
