PPF Investment: क्यों आज भी भरोसेमंद है यह निवेश? कब और कैसे करें ताकि रिटर्न ज्यादा मिले

अनिश्चित बाजार और उतार-चढ़ाव के इस समय में पीपीएफ जो देता है, वह बेहद कीमती है।
PPF Investment: आज के दौर में जब ट्रेडिंग ऐप मिनटों में मुनाफे का सपना दिखाते हैं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ थोड़ा पुराना जरूर लगता है। इसमें न तो तेजी से पैसा दोगुना होने का वादा है और न ही किसी तरह की सनसनी। लेकिन अनिश्चित बाजार और उतार-चढ़ाव के इस समय में पीपीएफ जो देता है, वह बेहद कीमती है-सुरक्षा, तय रिटर्न और पूरा टैक्स फायदा। यही वजह है कि खासकर युवा निवेशकों और पहली नौकरी करने वालों के लिए पीपीएफ आज भी उतना ही जरूरी है।
तेज कमाई के दौर में पीपीएफ क्यों जरूरी?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड का सबसे बड़ा फायदा है पूंजी की सुरक्षा। यह सरकारी गारंटी के साथ आता है और इसमें पैसा धीरे-धीरे लेकिन भरोसे के साथ बढ़ता है। जो निवेशक शेयर या म्यूचुअल फंड जैसे जोखिम वाले विकल्पों में पैसा लगा रहे हैं। उनके लिए पीपीएफ एक मजबूत बैकअप की तरह काम करता है।
15 साल का लॉक-इन होता है
पीपीएफ छोटी अवधि के लिए नहीं है। इसमें 15 साल का लॉक-इन होता है, जिसकी गिनती उस वित्त वर्ष के अंत से होती है, जिस साल अकाउंट खुलता है। पूरी रकम मैच्योरिटी से पहले नहीं निकाली जा सकती। यही लंबी अवधि निवेश में अनुशासन लाती है और इसे रिटायरमेंट या लॉन्ग टर्म फंड के लिए सही बनाती है।
ब्याज दर कैसे काम करती है?
पीपीएफ की ब्याज दर सरकार हर तिमाही तय करती है। फिलहाल यह 7.1% है। सुनने में भले यह कम लगे, लेकिन यह पूरी तरह टैक्स-फ्री है। 30% टैक्स स्लैब वाले निवेशक के लिए यह रिटर्न टैक्स से पहले 10% से ज्यादा के बराबर बैठता है।
निवेश का सही समय बेहद अहम
पीपीएफ का ब्याज हर महीने कैलकुलेट होता है लेकिन साल में एक बार जुड़ता है। गणना महीने की 5 तारीख से लेकर आखिरी दिन के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है। अगर आप 5 तारीख के बाद पैसा डालते हैं, तो उस महीने का ब्याज नहीं मिलेगा। 15 साल में यह छोटी सी चूक आपके फाइनल कॉर्पस को काफी घटा सकती है।
सालाना सीमा: 1.5 लाख रुपये
पीपीएफ में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख ही जमा किए जा सकते हैं। इससे ज्यादा रकम पर न तो ब्याज मिलेगा और न ही टैक्स छूट। ध्यान रखें, नाबालिग बच्चे के पीपीएफ अकाउंट में डाली गई रकम भी इसी सीमा में गिनी जाती है।
EEE टैक्स स्टेटस का फायदा
PPF को EEE टैक्स स्टेटस मिलता है। निवेश पर धारा 80 सी में छूट, ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री और मैच्योरिटी पर भी कोई टैक्स नहीं। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, पीपीएफ और ज्यादा फायदेमंद हो जाता है।
आंशिक निकासी और लोन की सुविधा
PPF में आंशिक निकासी पांच साल पूरे होने के बाद ही संभव है और वह भी सीमित राशि तक। वहीं पहले से पांचवें साल के बीच खाते पर लोन भी लिया जा सकता है। समय पर चुकाने पर ब्याज सिर्फ 1% लगता है। 15 साल पूरे होने पर आप पूरा पैसा निकाल सकते हैं, बिना निवेश के अकाउंट चालू रख सकते हैं या फिर 5-5साल के ब्लॉक में अकाउंट बढ़ा सकते हैं। लेकिन विस्तार का विकल्प समय पर चुनना जरूरी है।
युवा निवेशकों के पोर्टफोलियो में PPF की जगह
पीपीएफ आपको अमीर नहीं बनाएगा लेकिन यह आपके पैसे को सुरक्षित जरूर रखेगा। इक्विटी और ग्रोथ एसेट्स के साथ मिलकर यह पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है। PPF भले रोमांचक न हो, लेकिन लंबी दौड़ में यह भरोसेमंद साथी साबित होता है।
(Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।)
(प्रियंका कुमारी)
