Saving Account Deposit: सेविंग अकाउंट में एक साथ कितना पैसा रख सकते हैं? जानें नियम और टैक्स से जुड़ी बातें

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सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट से जुड़ी अहम बातें।

Saving Account Deposit: सेविंग अकाउंट में एक साथ कितना पैसा रख सकते हैं कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी काम की बातें।

Saving Account Deposit: अगर आप भी सोचते हैं कि सेविंग अकाउंट में जितना मन करे उतना पैसा रख सकते हैं, तो ज़रा रुकिए! अब बैंकिंग और इनकम टैक्स से जुड़े कुछ ऐसे नियम हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना नुकसानदेह हो सकता है। सेविंग अकाउंट में मोटी रकम रखने पर आपको इनकम टैक्स विभाग की नजर में आना पड़ सकता है, और ब्याज पर टैक्स देना भी जरूरी हो सकता है।

कई बार लोग निवेश से बचते हुए सारी रकम सेविंग अकाउंट में रख छोड़ते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक लिमिट से ज्यादा पैसा जमा करने या ब्याज पाने पर टैक्स के झंझट शुरू हो सकते हैं? सरकार की गाइडलाइंस और इनकम टैक्स की धारा 80TTA व 80TTB इस पर क्या कहती हैं – इस आर्टिकल में जानिए पूरी डिटेल, ताकि आपकी बचत न बने टैक्स की टेंशन!

सेविंग अकाउंट में अधिकतम राशि रखने की सीमा

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, सामान्य सेविंग अकाउंट में जमा राशि की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। हालांकि, यदि आप एक विशेष प्रकार का खाता, जैसे कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) या स्मॉल अकाउंट रखते हैं, तो कुछ सीमाएं लागू होती हैं। उदाहरण के लिए, स्मॉल अकाउंट में एक समय में अधिकतम ₹50,000 तक ही बैलेंस रखा जा सकता है, और साल भर में कुल जमा ₹1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए ।

यदि आप नियमित सेविंग अकाउंट धारक हैं, तो आप अपने खाते में कितनी भी राशि रख सकते हैं। हालांकि, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में ₹10 लाख या उससे अधिक की नकद जमा करते हैं, तो बैंक इस लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को भेज सकता है । इसलिए, बड़े नकद लेनदेन करते समय सतर्क रहना आवश्यक है।

सेविंग अकाउंट में ब्याज पर टैक्स नियम

सेविंग अकाउंट में जमा राशि पर बैंक द्वारा ब्याज दिया जाता है, जो आपकी आय में शामिल होता है। आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत, यदि आप 60 वर्ष से कम आयु के हैं, तो सेविंग अकाउंट से प्राप्त ₹10,000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता। यदि ब्याज ₹10,000 से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि आपकी कुल आय में जोड़कर उस पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है ।

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक आयु) के लिए, धारा 80TTB के तहत ₹50,000 तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है । यह छूट सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य जमा योजनाओं से प्राप्त ब्याज पर लागू होती है।

सेविंग अकाउंट में राशि रखने की कोई निश्चित सीमा नहीं है, लेकिन बड़े नकद लेनदेन करते समय आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं। इसके अलावा, सेविंग अकाउंट से प्राप्त ब्याज पर भी टैक्स नियम लागू होते हैं, जिन्हें समझना और पालन करना आवश्यक है। अपने वित्तीय लेनदेन को सुव्यवस्थित रखने और टैक्स से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए, इन नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें।)

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