हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 8% उछले: 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचे, क्या मुनाफावसूली का वक्त?

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हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 8 फीसदी से अधिक उछले। 

ृृHindustan Copper share price:हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 8 फीसदी उछलकर 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचे। वैश्विक बाजार में तांबे की रिकॉर्ड कीमतों से शेयर को मजबूती मिली है। मुनाफावसूली संभव है लेकिन लॉन्ग टर्म आउटलुक अभी भी मजबूत है।

Hindustan Copper share price: सरकारी कंपनी हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में 26 दिसंबर को जोरदार तेजी देखने को मिली। शेयर 8 फीसदी उछलकर 473 रुपये तक पहुंच गया, जो नवंबर 2010 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। यह उछाल ऐसे वक्त पर आया है, जब वैश्विक बाजार में तांबे की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं और सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ रही।

हिंदुस्तान कॉपर का शेयर निफ्टी मेटल इंडेक्स का टॉप गेनर रहा। इंडेक्स जहां मामूली 0.2 फीसदी चढ़ा। वहीं, कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को चौंका दिया। सिर्फ एक हफ्ते में शेयर 21 फीसदी तक चढ़ चुका है, जो दिसंबर 2023 के बाद इसकी सबसे मजबूत साप्ताहिक तेजी है। साल 2025 में अब तक यह स्टॉक करीब 89 फीसदी चढ़ चुका है जबकि इसी अवधि में निफ्टी मेटल इंडेक्स 24 फीसदी बढ़ा है।

हिंदुस्तान कॉपर 2025 में 89 फीसदी चढ़ा

वैश्विक बाजार की बात करें तो शंघाई और न्यूयॉर्क दोनों जगह तांबे की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में तांबा 2.7% चढ़कर 98780 युआन प्रति टन पहुंच गया जबकि न्यूयॉर्क के कॉमेक्स पर कीमत 3 फीसदी उछलकर 5.743 डॉलर प्रति पाउंड हो गई। भारत में जनवरी कॉपर कॉन्ट्रैक्ट 1223 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर को छू गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अगले साल ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, कमजोर डॉलर और 2026 में वैश्विक सप्लाई टाइट होने की आशंका से तांबे की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा। एनर्जी ट्रांजिशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ती मांग भी तांबे को मजबूत बना रही।

अब सवाल यह है कि क्या निवेशकों को मुनाफावसूली करनी चाहिए? विशेषज्ञ मानते हैं कि इतने तेज उछाल के बाद कुछ प्रॉफिट बुकिंग स्वाभाविक है लेकिन लंबी अवधि की कहानी अभी भी मजबूत दिखती। कंपनी के बेहतर तिमाही नतीजे, क्षमता विस्तार की योजनाएं और भारत में तांबे की बढ़ती मांग इसके पक्ष में जाती है।

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि भारत में तांबे की मांग 2030 तक 32 लाख टन से ज्यादा हो सकती। हिंदुस्तान कॉपर की माइनिंग क्षमता बढ़ाने और आधुनिकीकरण की योजनाएं इसे देश की मेटल सिक्योरिटी में अहम भूमिका दिलाती हैं। कुल मिलाकर, शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव संभव है लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए स्टॉक अभी भी आकर्षक बना हुआ है।

(प्रियंका कुमारी)

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