GST Rate Cut: जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 150 आयटम पर टैक्स दरें कम हो सकती, जान लें क्या सस्ता और महंगा होगा?

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जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 150 सामान पर टैक्स कटौती के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती।

GST rate cut: जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में 150 से ज्यादा सामान की टैक्स दर में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

GST Rate Cut council meeting: जीएसटी काउंसिल की 3 और 4 सितंबर को अहम बैठक होगी। इस बैठक में केंद्र सरकार द्वारा 150 से ज्यादा आयटम पर जीएसटी दरों में कटौती के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जा सकता। यह कदम त्योहारी सीज़न से पहले घरों पर टैक्स का बोझ कम करने और खपत को बढ़ावा देने के मकसद से उठाया गया है।

प्रस्तावों में कई सामान को 12% और 18% के GST स्लैब से हटाकर 5% स्लैब या यहां तक कि जीरो GST कैटेगरी में शामिल करना शामिल है, जिसका अर्थ है पूरी तरह टैक्स में छूट। योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जीरो GST कैटेगरी का विस्तार करना है। जिन वस्तुओं को GST से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव है, उनमें आम तौर पर खाद्य पदार्थ जैसे खुला पनीर, खाखरा, पिज़्ज़ा ब्रेड, चपाती और रोटी शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में 5% से 18% तक जीएसटी लगता है।

किस सामान पर जीएसटी दरें कम होंगी?

इस लिस्ट में पराठा और परोटा जैसे रेडी-टू-ईट फूड प्रोडक्ट भी शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में 18% कर लगता है। अब इन पर पूरी तरह से कर छूट मिल सकती है, जिससे घरों और छोटे खाद्य विक्रेताओं दोनों को फायदा होगा। शिक्षा क्षेत्र को भी लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि नक्शे और ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, वर्कबुक, ग्राफ़ बुक और लैब नोटबुक जैसे सामान पर 12% कर की दर को शून्य करने का प्रस्ताव है। इससे छात्रों और अभिभावकों को, खासकर नए एकेडमी ईयर से पहले, महत्वपूर्ण लागत बचत हो सकती है।

मक्खन, दूध मेवे होंगे सस्ते

छूट के अलावा, सरकार कई जरूरी खाद्य पदार्थों पर टैक्स दर को 12% से घटाकर 5% करने पर भी जोर दे रही। इनमें मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, नमकीन, मशरूम, खजूर और मेवे शामिल हैं। इनका भारतीय घरों में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है, और कर में कटौती से कीमतों में बड़ी कमी आने की उम्मीद है।

इसके अलावा, केंद्र ने कई कन्फेक्शनरी और मिठाइयों पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने का भी प्रस्ताव रखा है। इनमें कोको युक्त चॉकलेट, पेस्ट्री, आइसक्रीम और नाश्ते के अनाज जैसे अनाज शामिल हैं। इससे लोकप्रिय पैकेज्ड मिठाइयों और नाश्ते के विकल्पों की कीमतों में कमी आ सकती है, जो खासकर शहरी उपभोक्ताओं और युवा वर्ग को आकर्षित कर रहे।

इन व्यापक दरों में कटौती को जीएसटी काउंसिल के सामने रखा जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो संशोधित जीएसटी संरचना 22 सितंबर के आसपास लागू हो सकती।

अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़े जीएसटी सुधार कदमों में से एक होगा, जिससे आवश्यक और रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर लगाने के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और लाखों भारतीय परिवारों की हर महीने बड़ी बचत होगी।

(प्रियंका कुमारी)

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