Gold Silver Price: सोना ₹1.37 लाख पार, चांदी ₹2.28 लाख के रिकॉर्ड पर; जानें आगे क्या होगा?

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने और चांदी ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। इस हफ्ते चांदी कीमत में 28,000 रुपए की वृद्धि हुई। गोल्ड में भी जबरदस्त तेजी रही।
इस सप्ताह भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इन दोनों धातुओं के प्रति निवेशक और आम खरीदार की नजर गड़ी रही। वैश्विक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और महंगाई के डर के बीच लोग एक बार फिर सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, जिसका सीधा फायदा सोने-चांदी को मिला है।
सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत में करीब 6,000 रुपए प्रति 10 ग्राम की साप्ताहिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अब इसका भाव 1,37,956 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जो हाजिर बाजार में अब तक का सबसे ऊंचा साप्ताहिक क्लोजिंग स्तर माना जा रहा है। महज एक सप्ताह पहले यही कीमत 1,31,956 रुपए थी। यह बढ़ोतरी साफ तौर पर बताती है कि अनिश्चित माहौल में निवेशक सोने को भरोसेमंद विकल्प मान रहे हैं।
22 और 18 कैरेट सोने का हाल
केवल 24 कैरेट ही नहीं, बल्कि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमतों में भी तेज उछाल देखने को मिला है। 22 कैरेट सोना 1,20,710 रुपए से बढ़कर 1,26,368 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जबकि 18 कैरेट सोने का भाव 98,834 रुपए से चढ़कर 1,03,467 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। ज्वेलरी और निवेश दोनों से मांग बनी हुई है, हालांकि ऊंचे भावों के कारण रिटेल खरीदार थोड़े सतर्क जरूर दिख रहे हैं।
चांदी ने तोड़ा ऑल-टाइम रिकॉर्ड
चांदी की बात करें, तो इसमें सोने से भी तेजी रही। एक ही सप्ताह में चांदी की कीमत करीब 28,000 रुपए बढ़कर 2,28,107 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है, जो अपने ऑल-टाइम हाई स्तर के आसपास बनी हुई है। चांदी की इस मजबूती के पीछे केवल सुरक्षित निवेश की मांग ही नहीं, बल्कि सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टरों में बढ़ता औद्योगिक उपयोग भी बड़ी वजह है।
वैश्विक कारण और आगे का संकेत
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। कॉमेक्स पर सोना लगभग 4,550 डॉलर प्रति औंस और चांदी 77 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक अस्थिरता बनी रहेगी और केंद्रीय बैंक सोने की खरीद जारी रखेंगे, तब तक इस तेजी में पूरी तरह ठहराव के संकेत नहीं हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
ऊंचे स्तरों पर सीधी खरीद जोखिम भरी हो सकती है, लेकिन कीमतों में गिरावट यानी ‘डिप्स’ पर निवेश के मौके मिल सकते हैं। कुल मिलाकर, 2025 के अंत में सोना और चांदी दोनों ही मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं और यह संकेत दे रहे हैं कि पोर्टफोलियो में विविधता के लिए इन कीमती धातुओं की भूमिका अब भी बेहद अहम बनी हुई है।
