Gold-Silver Prices Down: रिकॉर्ड रैली के बाद फिसले सोना-चांदी-तांबा, कीमतों में 13% तक गिरावट; जानिए 3 बड़ी वजहें

गोल्ड-सिल्वर की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
Gold-Silver Prices Down: रिकॉर्ड तेजी के बाद सोना,चांदी और तांबे की कीमतों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। कुछ ही घंटों में जहां निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की, वहीं वैश्विक संकेतों और नीतिगत बदलावों ने भी दबाव बढ़ाया। नतीजा यह रहा कि कई कमोडिटीज अपने ऑल-टाइम हाई से फिसलकर लाल निशान में आ गईं।
सोने की बात करें तो फरवरी एक्सपायरी वाला गोल्ड फ्यूचर करीब 2% गिरकर 137646 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। दिन में यह अपने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंचा था। अप्रैल और जून एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स भी ऑल-टाइम हाई छूने के बाद लगभग 2 फीसदी टूट गए।
#WATCH | Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy says, "...We had great discussions on all the topics, and we appreciate the progress that the Americans and Ukrainian teams made in these recent weeks...We discussed all the aspects of the peace framework...There has been 90 per… pic.twitter.com/JsOkfMEqMd
— ANI (@ANI) December 28, 2025
चांदी में गिरावट और भी तेज रही। मार्च एक्सपायरी वाली सिल्वर फ्यूचर कीमत 8% लुढ़ककर 232663 रुपये प्रति किलो पर आ गई। मई और जुलाई एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स ने दिन की सारी बढ़त गंवा दी और 9% से 10% तक फिसल गए।
तांबे में तो बिकवाली का तूफान दिखा। जनवरी एक्सपायरी वाला कॉपर फ्यूचर पहले 1392.95 रुपये प्रति किलो के नए रिकॉर्ड पर पहुंचा, लेकिन बाद में 13% टूटकर 1211.05 रुपये प्रति किलो पर आ गया। फरवरी और मार्च एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स भी लाल निशान में बंद हुए।
🚨BREAKING: Silver prices are exploding due to a severe global supply shortage.
— Bull Theory (@BullTheoryio) December 26, 2025
The physical market can no longer meet soaring demand.
Here is what is actually going on 👇
1. China is changing the rules.
Starting January 1, 2026, China will restrict silver exports.
To… pic.twitter.com/ZvefhoNDfA
कीमतों में गिरावट की 3 बड़ी वजहें
मुनाफावसूली का दबाव
2025 में जबरदस्त रैली के बाद निवेशकों ने ऊंचे स्तरों पर मुनाफा निकालना शुरू किया। जेएम फाइनेंशियल के प्रणव मेर के मुताबिक, 2026 में इतनी तेज रिटर्न की उम्मीद कम है। इसलिए प्रॉफिट-बुकिंग स्वाभाविक थी।
चीन की सप्लाई से जुड़ी सख्ती
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन 2026 से फिजिकल मेटल के एक्सपोर्ट पर लाइसेंस सिस्टम लागू करने जा रहा है। इससे ग्लोबल सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ी। एलन मस्क ने भी कहा कि चांदी कई इंडस्ट्रियल कामों के लिए जरूरी है और यह फैसला अच्छा संकेत नहीं है।
CME का मार्जिन बढ़ाना
सीएमई ग्रुप ने मार्च 2026 की सिल्वर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स पर इनिशियल मार्जिन 20 हजार डॉलर से बढ़ाकर 25 हजार डॉलर कर दिया। जिन निवेशकों के पास अतिरिक्त मार्जिन नहीं था,उन्हें पोजिशन काटनी पड़ी, जिससे बिकवाली तेज हुई। कमोडिटी कीमतों में गिरावट का असर शेयर बाजार पर भी दिखा और हिंदुस्तान जिंक व हिंदुस्तान कॉपर के शेयर अपने इंट्राडे हाई से नीचे फिसल गए।
(प्रियंका कुमारी)
