Gold Price: 46 साल में सोने में सबसे बड़ी तेजी, 5 कारणों से आगे चमक पड़ सकती फीकी?

Gold Price: सोने ने इस साल कमाल कर दिया है। 2024 में इसकी कीमतों में अब तक 60 फीसदी की तेज बढ़त दर्ज हुई, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी वार्षिक छलांग मानी जा रही। इतना ही नहीं, सोना लगातार चौथे साल भी निवेशकों के लिए पॉजिटिव रिटर्न देने की तैयारी में है। शेयर बाज़ार की रफ्तार भी इस पीली धातु के आगे फीकी पड़ गई।
इस शानदार रैली के पीछे चार बड़े कारण रहे- केंद्रीय बैंकों की जबरदस्त खरीद, दुनिया भर में बढ़ता जियोपॉलिटिकल तनाव, आर्थिक अनिश्चितता, और पैसिव फंड्स में भारी इनफ्लो।
सोने में चमक क्यों बढ़ रही
भारत में भी सोने की दीवानगी किसी से छिपी नहीं। लोग अक्सर फिजिकल गोल्ड बेचने से कतराते हैं लेकिन निवेशक अब बड़ी संख्या में गोल्ड ETF जैसे विकल्प चुन रहे हैं। अक्टूबर में पहली बार भारत में गोल्ड ETFs का AUM 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया।
अब जब सोना रिकॉर्ड बना रहा है, निवेशकों के मन में सवाल है कि बिकवाली का वक्त है या अभी और दम बचा है? इसी बीच एक्सिस सिक्यूरिटीज के विश्लेषकों ने 5 ऐसे जोखिमों की ओर इशारा किया है, जो इस चमक को कभी भी कम कर सकते।
मौद्रिक नीति का मोड़
अगर महंगाई उम्मीद से ज्यादा पकड़ दिखाती है, तो अमेरिकी फेडरल रिज़र्व जैसे बड़े केंद्रीय बैंक रेट कट रोक सकते हैं या फिर नीति को दोबारा सख्त करने का संकेत दे सकते हैं। ऊंची ब्याज दरें सोने के लिए सबसे बड़ा खतरा होती हैं, क्योंकि तब बिना ब्याज वाला गोल्ड कम आकर्षक लगता है।
'किंग डॉलर' की वापसी
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मजबूत आंकड़े, बढ़ते कैपिटल फ्लो या डॉलर में सेफ-हेवन डिमांड-ये सभी वजहें डॉलर को फिर से मजबूत बना सकती हैं। डॉलर चढ़ता है तो सोना दब जाता है।
केंद्रीय बैंकों की खरीद कमजोर पड़ना
पिछले दो साल से दुनिया के कई केंद्रीय बैंक-खासकर चीन और भारत, सोने के बड़े खरीदार रहे हैं। अगर रिज़र्व डाइवर्सिफिकेशन का चरण पूरा हो गया, या राजनीतिक/मुद्रा स्थिरता लौट आई, तो खरीदारी धीमी पड़ सकती है। यह सोने के लिए बड़ा झटका होगा।
जियोपॉलिटिकल तनाव कम होना
मध्य पूर्व, रूस-यूक्रेन या अमेरिका-चीन की तनातनी अगर शांत होती है, तो सेफ-हेवन डिमांड घट सकती है। सोने का चमकना उसी वक्त ज्यादा होता है, जब दुनिया कम सुरक्षित लगती है।
दूसरे एसेट्स की रैली
टेक स्टॉक्स, क्रिप्टो, इक्विटीज़ या हाई-यील्ड बांड, अगर इनमें जोरदार तेजी आई, तो निवेशकों का पैसा वहां बह सकता है। सोना ब्याज नहीं देता, इसलिए जोश भरे बाजार में लोग अक्सर इससे दूर हो जाते हैं।
(प्रियंका कुमारी)
