Gold-Silver Rate: गोल्ड लगातार चौथे महीने चढ़ा, सिल्वर-कॉपर भी रिकॉर्ड स्तर पर, जानें कीमती धातुओं के लिए आगे क्या?

Gold-Silver copper rate future
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गोल्ड-सिल्वर और कॉपर में आगे कैसा रुख रह सकता। 

Gold-Silver Rate: सोना लगातार चौथे महीने चढ़कर $4269.80 तक पहुंचा जबकि सिल्वर और कॉपर ने सप्लाई की कमी के चलते नए रिकॉर्ड बनाए। सिल्वर इस साल 90% तक उछला और इंडस्ट्री की भारी डिमांड से इसका बुल रन जारी है।

Gold-Silver Rate: लगातार रिकॉर्ड बना रही कीमती धातुओं की रफ्तार इस हफ्ते भी नहीं रुकी। ब्लैक फ्राइडे के कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम भले कम रहा लेकिन गोल्ड, सिल्वर और कॉपर-तीनों ने जोरदार उछाल दिखाया। खास तौर पर सोना लगातार चौथे महीने चढ़ा है जबकि सिल्वर और कॉपर ने सप्लाई की कमी के चलते नए रिकॉर्ड छू लिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ने से आने वाले दिनों में इन धातुओं की कीमतों में और उछाल आ सकता है।

सोना लगातार चौथे महीने चढ़ा

शुक्रवार को गोल्ड के फरवरी वायदा भाव 1.25% बढ़कर $4,269.80 प्रति औंस पर बंद हुए। एनरिच मनी के CEO पोनमुदी आर के मुताबिक, गोल्ड के फौरन रजिस्टेंस $4,286 पर है। अगर सोना इसके ऊपर क्लोजिंग देता है, तो प्राइस $4300–$4400 तक जा सकता है। जब तक कीमतें $4,200 से ऊपर हैं, गोल्ड मजबूत ट्रेंड में रहेगा। हालांकि, अगर सोना $4200 के नीचे गया, तो $4080 तक करेक्शन देखने को मिल सकता है। पोनमुदी के अनुसार, गोल्ड मार्केट में जल्द ही तेज उतार-चढ़ाव दिखने वाला है लेकिन दिशा ऊपर की ही नजर आती है।

सिल्वर की सुपर रैली

सिल्वर शुक्रवार को 5.9% उछलकर $56.53 प्रति औंस पर पहुंच गया। ये इतिहास का सबसे ऊंचा स्तर। लंदन में सिल्वर की भारी कमी और CME प्लेटफॉर्म पर आउटेज के कारण हेजिंग बढ़ने से यह तेजी और मजबूत हुई।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सिल्वर की कीमतों में 90% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई। सिल्वर मार्केट में लगातार पांचवें साल भारी ग्लोबल कमी दर्ज की गई है-150 से 187 मिलियन औंस की। इंडस्ट्री में सिल्वर की डिमांड सालाना सप्लाई से ज्यादा हो गई है। पोनमुदी का कहना है कि यह 1980 वाले स्पेकुलेशन की तरह नहीं है। अब सिल्वर सिर्फ गरीबों का सोना नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक इंडस्ट्रियल मेटल बन चुका और यह बुल मार्केट स्ट्रक्चरली चल रहा है।

फेड की पॉलिसी कॉपर को दे रही सपोर्ट

कॉपर की कीमतें भी नए रिकॉर्ड स्तर पर हैं। यूएस फेड अधिकारियों के हालिया नरम रुख और सरकारी शटडाउन के बाद आए कमजोर आर्थिक डेटा ने बाजार में यह उम्मीद मजबूत की है कि जल्द ही ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।

सीएमई FedWatch Tool के अनुसार, 86.4% ट्रेडर्स 25 बेसिस पॉइंट रेट कट की उम्मीद कर रहे। दरअसल, ब्याज दरें कम होने का मतलब है कि लर कमजोर और गोल्ड-सिल्वर-कॉपर जैसे कमोडिटी महंगे।

(प्रियंका कुमारी)

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