gold rate: सोने ने फिर बनाया रिकॉर्ड, अमेरिका से आई खबर ने बढ़ाई तेजी, आगे क्या होगा?

गोल्ड ने सोमवार को एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया।
gold rate: गोल्ड ने सोमवार को एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया। अमेरिकी जॉब मार्केट के ताजा आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहे और इससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की अटकलें और तेज हो गईं। यही वजह है कि निवेशकों ने सोने में भरोसा जताया और इसकी कीमत 1 फीसदी बढ़कर 3622 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई। यह शुक्रवार को बने पिछले रिकॉर्ड से भी ऊपर है।
अमेरिका की ताज़ा जॉब रिपोर्ट में दिखा कि रोजगार की रफ्तार धीमी हो रही और बेरोजगारी दर 2021 के बाद सबसे ज्यादा स्तर पर पहुंच गई। इसके चलते ट्रेडर्स ने इस साल के लिए करीब 3 रेट कट की संभावना को दामों में शामिल कर लिया। ब्याज दरें घटने से सोने जैसे नॉन-यील्डिंग एसेट की मांग बढ़ जाती है क्योंकि कम रिटर्न देने वाले बॉन्ड्स की तुलना में सोना ज्यादा बेहतर निवेश का जरिया बन जाता है।
जियो पॉलिटिकल तनाव से बढ़ी मांग
पिछले तीन सालों में सोने और चांदी की कीमतें दोगुने से ज्यादा हो चुकी हैं। वजह है, लगातार बढ़ता जियो पॉलिटिकल टेंशन, वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और आर्थिक मंदी की आशंकाएं। बीते दो हफ्तों में सोना 7 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल रिजर्व के बीच बढ़ते तनाव ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है।
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगर फेड की स्वतंत्रता पर आंच आती है और निवेशक बॉन्ड से पैसा निकालकर सोने में लगाते हैं, तो इसकी कीमत 5 हजार डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। यह संकेत देता है कि आने वाले समय में सोने की मांग और बढ़ सकती है।
चीन का बड़ा कदम
चीन के सेंट्रल बैंक ने अगस्त में लगातार 10वें महीने सोने की खरीदारी बढ़ाई है। यह अमेरिका से दूरी बनाकर रिजर्व को विविधता देने की कोशिश का हिस्सा है। चीन का यह कदम भी सोने की वैश्विक कीमतों को मजबूती दे रहा है।
आगे क्या होगा?
इस हफ्ते बाजार की नजरें अमेरिका के नए जॉब्स डेटा रिवीजन और महंगाई के आंकड़ों पर होंगी। साथ ही, 3-, 10- और 30-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी नीलामी पर भी निवेशक पैनी नजर रखेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल सोने आकर्षक बना रहेगा लेकिन निकट भविष्य में मुनाफावसूली से उतार-चढ़ाव दिख सकता है।
(प्रियंका कुमारी)
