सोने में 63% उछाल रेड अलर्ट: सेंट्रल बैंकों ने 1 साल में 3.16 लाख किलो गोल्ड खरीदा, ये ग्लोबल सिस्टम में दरार का संकेत

Gold Price Surge Impact: गोल्ड में आई ऐतिहासिक तेजी खतरे का संकेत है।
Gold Price Surge Impact: दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों द्वारा पिछले एक साल में 3.16 लाख किलो सोना खरीदा गया, जिससे गोल्ड की कीमतों में 63 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई। टैक्स विशेषज्ञ और टैक्स बडी डॉट कॉम के संस्थापक सुजीत बांगर ने इसे सिर्फ मार्केट रैली नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के टूटने का रेड अलर्ट बताया है।
बंगर ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश माना गया है लेकिन इस बार खरीदारी की गति और पैमाना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा, 'हर बड़ी आर्थिक तबाही अपनी निशानी छोड़ती है। 2008 की वित्तीय मंदी, कोविड-19 महामारी, ट्रेड वॉर.. लेकिन इस बार डर का मतलब है गोल्ड खरीदो।'
उन्होंने बताया कि यह बदलाव मुद्रा में घटते भरोसे का नतीजा है। अमेरिकी डॉलर ने हाल ही में 50 साल में अपनी सबसे बड़ी 6 महीने की गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों में डिबेसमेंट ट्रेड का ट्रेंड शुरू हुआ। बांगर के शब्दों में, 'जब लोगों का भरोसा सरकारों और केंद्रीय बैंकों से उठता है, तब वे ऐसे एसेट्स की ओर जाते हैं जिन पर डिफॉल्ट या पॉलिसी रिस्क नहीं होता और वो है सोना।'
अब सेंट्रल बैंक खुद सोना खरीदने की दौड़ में आगे हैं। कभी नेट सेलर रहे देश जैसे चीन, भारत और रूस आज दुनिया के सबसे बड़े खरीदार बन गए। बांगर के मुताबिक, इन BRICS देशों के लिए सोना अब सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि डॉलर पर निर्भरता कम करने का रणनीतिक हथियार बन चुका।
उन्होंने कहा कि 2022 में रूस के सेंट्रल बैंक की संपत्तियों के फ्रीज होने के बाद यह देशों के लिए एक चेतावनी थी कि डॉलर रिजर्व भी हथियार बनाए जा सकते हैं।बांगर ने बताया कि बीते एक साल में सेंट्रल बैंकों के कुल रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। रूस में 29.5 से बढ़कर 35.8%, चीन में 4.9% से 6.7%, भारत में 9.6% से 13.1%, और ब्रिटेन में 13.5% से 16.6%।
राजनीतिक दबाव भी इस रैली को बढ़ा रहा है। फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें घटाने का दबाव, और टैरिफ से बढ़ती महंगाई ने सोने के लिए हर हाल में जीत का माहौल बना दिया है। बांगर ने लिखा कि कभी डॉलर था भरोसे का प्रतीक, अब व्यापारिक युद्ध और प्रतिबंधों ने उस भरोसे में दरार डाल दी है। अब ‘गोल्ड’ है नया भरोसा, बिना सिग्नेचर वाला विश्वास।
उन्होंने कहा कि सोने की यह चढ़ाई लोभ नहीं, बल्कि डर, भरोसे और अनिश्चितता का संकेत है। जब तक सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व बढ़ाते रहेंगे और डॉलर पर निर्भरता घटती रहेगी, सोना चमकता रहेगा। इस गुरुवार को एमसीएक्स पर दिसंबर फ्यूचर्स गोल्ड 1.58% उछलकर 123783 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो दिन के उच्चतम स्तर 124233 को छू चुका था।
(प्रियंका कुमारी)
