Loan Foreclosure: लोन समय से पहले चुकाना सही या गलत? जानिए क्रेडिट स्कोर पर क्या पड़ता है असर

लोन वक्त से पहले चुकाना यानी फोरक्लोजर समझदारी भरा फैसला है या नहीं, जानें।
Loan Foreclosure tips: अक्सर लोग सोचते हैं कि लोन वक्त से पहले चुकाना यानी फोरक्लोजर समझदारी भरा फैसला है। कर्ज से जल्दी छुटकारा और ब्याज की बचत, सुनने में ये बढ़िया विकल्प लगता है लेकिन सवाल है कि क्या इसका क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है? जवाब है हां, मगर असर बहुत मामूली और दोनों तरफ का हो सकता है।
फोरक्लोजर का मतलब है तय समय से पहले पूरे लोन (प्रिंसिपल और ब्याज) का भुगतान कर देना। चाहे होम लोन हो, कार लोन हो या पर्सनल लोन, ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी इसकी इजाजत देते हैं। हालांकि, कई बार इस पर अतिरिक्त चार्ज या पेनल्टी भी लग सकती है।
कैसे फायदा पहुंचाता फोरक्लोजर?
सबसे बड़ा फायदा है कर्ज का बोझ तुरंत कम हो जाना। इससे आपका डेट-टू-इनकम रेशियो और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बेहतर हो जाता। ये दोनों फैक्टर क्रेडिट स्कोर तय करने में अहम रोल निभाते हैं।
समय से पहले लोन चुकाना आपके अच्छे भुगतान इतिहास को दिखाता है। यह भविष्य के लिए एक मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल बनाता है और बैंकों को भरोसा दिलाता है कि आप जिम्मेदार उधारकर्ता हैं। साथ ही, ब्याज बचाकर आप अन्य EMI या क्रेडिट कार्ड बिल आराम से चुका सकते, जिससे क्रेडिट स्कोर को और फायदा हो सकता।
किन नुकसानों पर ध्यान दें?
फोरक्लोजर हमेशा फायदे का सौदा नहीं होता। कई बैंकों की शर्तों में भारी प्रीपेमेंट चार्ज होता है। अगर ब्याज बचत से ज्यादा ये चार्ज पड़ जाए, तो नुकसान भी हो सकता है। दूसरा पहलू है क्रेडिट मिक्स। बैंकों को आमतौर पर बैलेंस्ड क्रेडिट प्रोफाइल पसंद होती है। यानी कुछ इंस्टॉलमेंट लोन और कुछ क्रेडिट कार्ड लिमिट। अगर आप बड़ा लोन जल्दी बंद कर देते हैं, तो यह संतुलन बिगड़ सकता है।
कई बार लोन क्लोजर की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो तक समय से नहीं पहुंचती। अगर रिपोर्ट में लोन अब भी ओपन दिखे, तो स्कोर पर अस्थायी असर पड़ सकता है।
फोरक्लोजर से पहले क्या करें?
- लोन की शर्तें और पेनल्टी को लेकर नियम ध्यान से पढ़ें।
- ब्याज बचत और प्रीपेमेंट चार्ज का हिसाब-किताब लगाएं।
- इमरजेंसी फंड हमेशा सुरक्षित रखें ताकि कैश की किल्लत न हो।
- लोन क्लोज होने के बाद क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें।
लोन फोरक्लोजर सामान्यत: आपके क्रेडिट स्कोर के लिए अच्छा माना जाता है, बशर्ते इसे समझदारी से किया जाए। सही प्लानिंग और सावधानी बरतकर आप ब्याज बचत के साथ बेहतर क्रेडिट प्रोफाइल भी बना सकते हैं।
(प्रियंका कुमारी)
