Rupee vs dollar: भारत-पाकिस्तान तनाव का साइड इफेक्ट, डॉलर के मुकाबले रुपया 1.5 फीसदी गिरा, महीने में सबसे बड़ी गिरावट

Rupee vs dollar: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का सीधा असर भारतीय रुपये (INR) पर देखने को मिल रहा। भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर स्ट्राइक के बाद रुपये में भारी गिरावट आई। 8 मई को रुपये की कीमत एक ही दिन में ₹1.30 गिर गई। यह एक महीने की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही।
स्ट्राइक से एक दिन पहले, यानी 6 मई को डॉलर के मुकाबले रुपया ₹84.30 पर था। लेकिन 8 मई को यह ₹86.06 पर बंद हुआ। यह गिरावट लगभग 1.5% की रही। आज की स्थिति में रुपया ₹85.55 पर ट्रेड कर रहा है, जो यह दिखाता है कि तनाव बढ़ते ही रुपया कमजोर हो रहा ।
क्यों कमजोर होता है रुपया?
भारत दुनिया का बड़ा तेल आयातक देश है, और ये सौदे अमेरिकी डॉलर में होते हैं। ऐसे में डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से रुपये पर सीधा असर पड़ता है। इसके अलावा, डॉलर इंडेक्स में मजबूती भी रुपये की कमजोरी का कारण बनती है। फिलहाल डॉलर इंडेक्स 100 के ऊपर बना हुआ है, जिससे डॉलर की ताकत बढ़ी है और INR पर दबाव आया है।
रुपये को बचाने RBI की एंट्री
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये में गिरावट को थामने के लिए दखल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI ने सरकारी बैंकों के जरिए बाजार में डॉलर उपलब्ध कराए ताकि रुपये की मांग बढ़े और उसकी कीमत स्थिर हो सके।
विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़त
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी एक बड़ी ताकत है। 25 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में ये भंडार 1.98 अरब डॉलर बढ़कर 688.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यही वजह है कि RBI के पास रुपये को सपोर्ट देने का विकल्प मौजूद है।
इतिहास भी यही कहता है
इतिहास गवाह है कि हर साल डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर ही होता गया है। इस साल 2 फरवरी को INR-USD एक्सचेंज रेट ₹87.62 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था।
क्या आगे और गिरेगा रुपया?
अगर भारत-पाकिस्तान का तनाव और बढ़ता है, तो रुपये पर और दबाव आ सकता है। हालांकि, RBI की सख्त नजर और विदेशी मुद्रा भंडार के चलते इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
