सरकार का F&O ट्रेडिंग पर बड़ा बयान: वित्त मंत्री बोलीं- दरवाज़ा बंद करने नहीं, रुकावटें दूर करने आए

Finance Minister Nirmala Sitharaman On F&O trading
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निर्मला सीतारमण ने साफ कहा कि सरकार का मकसद फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग को बंद करना नहीं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार F&O ट्रेडिंग बंद करने नहीं आई है, बल्कि इसकी रुकावटें दूर करने की कोशिश कर रही। सेबी प्रमुख ने कहा कि वीकली एक्सपायरी पर रोक लगाना जल्दबाजी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (6 नवंबर) को साफ कहा कि सरकार का मकसद फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को बंद करना नहीं ,बल्कि उसमें आने वाली दिक्कतों को दूर करना है। मुंबई में आयोजित 12वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2025 में उन्होंने कहा कि सरकार यहां F&O ट्रेडिंग का दरवाज़ा बंद करने नहीं, बल्कि रोडब्लॉक हटाने आई है।

सीतारमण ने निवेशकों को सलाह दी कि जोखिम की पूरी समझ के साथ ही निवेश करें क्योंकि मार्केट में उतार-चढ़ाव हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद बाजार की पारदर्शिता और मजबूती बढ़ाना है, न कि किसी निवेश अवसर को खत्म करना।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि सरकार वीकली एक्सपायरी पर रोक लगाना चाहती है ताकि सट्टेबाजी पर अंकुश लगाया जा सके और कैश मार्केट की गहराई बढ़ाई जा सके।

इसी मुद्दे पर हाल ही में सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडे ने भी कहा था कि हम साप्ताहिक एक्सपायरी को एक झटके में बंद नहीं कर सकते। बहुत से निवेशक इसका सही उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डेरिवेटिव मार्केट से जुड़े कई जटिल पहलू हैं, जिन पर आगे और डेटा एनालिसिस किया जा रहा।

पांडे ने कहा था कि जरूरी है कि छोटे और कम अनुभवी निवेशक अति-उत्साह में गलत कदम न उठाएं। इसलिए सेबी वीकली ऑप्शंस पर विस्तार से अध्ययन कर रही है।

कॉन्क्लेव के दौरान वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को अब बड़े और वर्ल्ड-क्लास बैंक की ज़रूरत है। इस दिशा में सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और बैंकों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं ताकि देश में वित्तीय ढांचा और मजबूत बने।'

सीतारमण ने बताया कि बीते एक दशक में पूंजीगत खर्च में सरकार ने 5 गुना बढ़ोतरी की है। उन्होंने ज़ोर दिया कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने बैंकों से अपील की कि वे क्रेडिट फ्लो बढ़ाएं, क्योंकि जीएसटी दरों में कटौती के बाद मांग में बढ़ोतरी आने की उम्मीद है, जिससे निवेश और रोजगार का नया चक्र शुरू होगा।

(प्रियंका कुमारी)

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