फेड मीटिंग से पहले वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स स्थिर, दर कटौती की उम्मीद में निवेशकों में सतर्कता बढ़ी

फेड मीटिंग से पहले वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स स्थिर, दर कटौती की उम्मीद में निवेशकों में सतर्कता बढ़ी
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फेडरल रिजर्व की अहम मीटिंग से पहले वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स लगभग स्थिर दिखे। निवेशकों में सतर्कता बढ़ी है क्योंकि बाजार एक और ब्याज दर कटौती की उम्मीद कर रहा है। जानिए क्या हो सकता है फेड के फैसले का असर।

(एपी सिंह) न्यूयार्क। अमेरिकी शेयर बाजार के फ्यूचर्स रविवार शाम लगभग स्थिर रहे। पिछले दो हफ्तों से लगातार बढ़त दर्ज करने के बाद अब निवेशकों की नजर इस हफ्ते होने वाली फेडरल रिजर्व (Fed) की मीटिंग पर है, जहां एक और ब्याज दर में कटौती की उम्मीद की जा रही है। इसका सीधा प्रभाव बाजार की दिशा पर पड़ेगा, इसलिए निवेशक सतर्कता से ट्रेड करते दिखाई दे रहे हैं। S&P 500 और Nasdaq 100 फ्यूचर्स में करीब 0.1% की हल्की बढ़त दर्ज की गई, जबकि Dow Jones फ्यूचर्स लगभग बिना बदलाव के रहे। यह संकेत देता है कि बाजार में कोई तेज उत्साह नहीं है, लेकिन स्थिरता बनी हुई है।

पिछले सप्ताह Dow Jones लगभग 0.5%, S&P 500 लगभग 0.3% और NASDAQ Composite लगभग 0.9% बढ़े। यह दर्शाता है कि टेक सेक्टर में मजबूती बनी हुई है, जबकि बाकी सेक्टरों में मिश्रित संकेत देखे गए। अब निवेशकों का ध्यान फेड की 9-10 दिसंबर को होने वाली FOMC मीटिंग पर है। बाजार लगभग निश्चित मान रहा है कि फेड लगातार तीसरी बार 0.25% की दर कटौती करेगा। दरों में कटौती का मतलब है कि उधार लेना सस्ता होगा, कंपनियों को निवेश करना आसान होगा और उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय दबाव कम होगा, जो शेयर बाजार के लिए सकारात्मक होता है।

इस उम्मीद को मजबूती मिली है सितंबर के PCE (Personal Consumption Expenditures) डेटा से। यह फेड का पसंदीदा महंगाई मापदंड है। रिपोर्ट में दिखा कि कोर PCE केवल 0.2% महीने-दर-महीने और 2.8% साल-दर-साल बढ़ा, जो विश्लेषकों के अनुमानों से कम है। कम महंगाई का मतलब है कि अर्थव्यवस्था इतनी गरम नहीं है और फेड पर ब्याज दर घटाने का दबाव और बढ़ता है। साथ ही रोजगार बाजार के नरम पड़ने और उपभोक्ता खर्च में कमजोरी के संकेत भी दिख रहे हैं। ये दोनों बातें फेड को और डोविश नीति अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार सिर्फ ब्याज दर कटौती ही नहीं, बल्कि फेड अगले साल (2025) और 2026 के आर्थिक अनुमान में क्या संकेत देता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगा। ING के विश्लेषकों का कहना है कि सबसे अधिक नरम रुख यह होगा कि फेड 2026 के लिए एक अतिरिक्त दर कटौती का संकेत दे, लेकिन ऐसा करने में वे हिचक सकते हैं। कुल मिलाकर, बाजार इस समय वेट एंड वॉच मोड में है। निवेशक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में फेड कितनी आक्रामक या नरम नीति अपनाएगा और इसका प्रभाव स्टॉक मार्केट की अगली चाल पर कैसा होगा।

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