E Commerce Companies Rules: ग्राहकों को बेवकूफ नहीं बना सकेंगी ई-कॉर्मस कंपनियां, सरकार ने उठाया ये कदम

ई कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार का नया नियम।
E Commerce Companies Rules: ऑनलाइन शॉपिंग का चलन भारत में तेजी से बढ़ा है। अब लोग सिर्फ कपड़े या मोबाइल ही नहीं, बल्कि सब्ज़ी, किराना और यहां तक कि तैयार खाना भी ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने हमारे जीवन को आसान तो बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही बढ़ी हैं कुछ समस्याएं। इन प्लेटफॉर्म्स पर मिलने वाले लुभावने ऑफर्स, सीमित समय की डील्स और फेक रिव्यूज़ कई बार ग्राहकों को गुमराह कर देते हैं।
ऐसे में केंद्र सरकार ने ग्राहकों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। अब ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे 'डार्क पैटर्न्स' का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी, जो यूज़र्स को धोखे में रखकर खरीदारी, सब्सक्रिप्शन या अतिरिक्त भुगतान के लिए मजबूर करते हैं। सरकार ने सभी कंपनियों को अपनी वेबसाइट्स और ऐप्स से इन भ्रामक तकनीकों को हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
सरकार का सख्त रुख: तीन महीने की डेडलाइन
केंद्र सरकार ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को ‘डार्क पैटर्न्स’ जैसी भ्रामक तकनीकों को हटाना होगा। सरकार ने इन नियमों को लागू करने के लिए कंपनियों को तीन महीने का समय दिया है।
क्या होते हैं डार्क पैटर्न्स?
डार्क पैटर्न्स वे डिज़ाइन और मैसेजिंग टेक्निक्स होती हैं जो ग्राहकों को बिना उनकी स्पष्ट सहमति के खरीदारी, सब्सक्रिप्शन या अतिरिक्त भुगतान के लिए मजबूर करती हैं। उदाहरण के तौर पर –
"सीमित समय ऑफर"
"अभी खरीदो वरना चूक जाओगे"
"10 लोग अभी देख रहे हैं"
फर्जी स्टॉक अलर्ट्स
बिना पूछे सब्सक्रिप्शन एक्टिवेट करना
फेक रिव्यू और डराने-धमकाने वाले मैसेज पर रोक
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर दिए जाने वाले फर्जी रिव्यूज़ भी अब प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। साथ ही, ग्राहक को डराकर निर्णय करवाने वाली तकनीकों को भी हटाना अनिवार्य होगा।
ग्राहकों को मिलेगा सुरक्षित और पारदर्शी अनुभव
इस निर्णय से ग्राहक अब अधिक सुरक्षित और जागरूक होकर ऑनलाइन खरीदारी कर सकेंगे। उन्हें किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या भ्रमित करने वाली रणनीतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
नियम नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
यदि कोई कंपनी तय समय में इन नियमों को लागू नहीं करती, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह नियम सभी छोटे-बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर समान रूप से लागू होंगे।
