EPFO New Rules: नई नौकरी में आने के बाद PF का पैसा ट्रांसफर करना होगा आसान, EPFO के नए नियम से मिलेगा लाभ

EPFO PF transfer new rule
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EPFO के नए नियम से पीएफ ट्रांसफर आसानी से हो सकेगा। 
EPFO New Rules: ईपीएफओ (EPFO) ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए पीएफ ट्रांसफर के प्रोसेस को पहले और भी ज्यादा आसान बना दिया है।

EPFO New Rules: नई नौकरी जॉइन करने के बाद पीएफ ट्रांसफर को लेकर कर्मचारियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। खासतौर पर तब जब पुराने और नए एंप्लॉयर की सर्विस डेट्स में थोड़ा-बहुत ओवरलैप हो जाता था। इस ओवरलैपिंग की वजह से EPFO द्वारा पीएफ ट्रांसफर का क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता था, जिससे न केवल कर्मचारी को आर्थिक नुकसान होता था बल्कि प्रक्रिया में अनावश्यक देरी भी होती थी।

लेकिन अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस समस्या का समाधान करते हुए एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार अब पीएफ ट्रांसफर क्लेम को सिर्फ इस आधार पर रिजेक्ट नहीं किया जाएगा कि सर्विस पीरियड में मामूली ओवरलैपिंग हो रही है। यह बदलाव लाखों प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों को राहत देने वाला है।

अब आसान होगा PF ट्रांसफर का प्रोसेस

EPFO के नए निर्देशों के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी के पुराने और नए नियोक्ता के बीच सर्विस की तारीखें कुछ दिनों के लिए ओवरलैप करती हैं, तो भी ट्रांसफर क्लेम को रिजेक्ट नहीं किया जाएगा। अब संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे क्लेम को बिना रिजेक्ट किए प्रोसेस करें और केवल आवश्यक मामलों में ही स्पष्टीकरण मांगे।

यह नई व्यवस्था विशेष रूप से उन मामलों के लिए है जहां दो नौकरियों के बीच की तारीखें थोड़ी बहुत टकरा जाती हैं, जो अक्सर तकनीकी या प्रशासनिक वजहों से होता है। पहले की व्यवस्था में यह एक बड़ी समस्या थी और कई कर्मचारियों के क्लेम रुक जाते थे। अब इस नए नियम से ट्रांसफर की प्रक्रिया न केवल तेज होगी बल्कि अधिक पारदर्शी और सरल भी बनेगी।

फायदा हजारों कर्मचारियों को

हर साल लाखों लोग नौकरी बदलते हैं, और उनके PF ट्रांसफर के आवेदन अक्सर तकनीकी कारणों से अटक जाते हैं। EPFO के इस फैसले से हजारों कर्मचारियों को समय पर अपना पीएफ ट्रांसफर कराने में मदद मिलेगी। इससे कर्मचारी अपनी सेवाओं का लगातार रिकॉर्ड बनाए रख सकेंगे, जो भविष्य में पेंशन और अन्य लाभों के लिए जरूरी होता है।

EPFO का यह कदम कर्मचारी हित में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। यह न केवल डिजिटल प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है बल्कि इससे कर्मचारियों का विश्वास भी संस्थान पर बढ़ेगा।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट से चर्चा जरूर कर लें।)

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