EPFO का बड़ा फैसला: अब 6 महीने से कम नौकरी पर भी मिलेगी पेंशन; जानें नया नियम

प्राइवेट जॉब: 6 माह से कम नौकरी पर भी मिलेगी पेंशन; जानें EPFO का नया नियम
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प्राइवेट जॉब: 6 माह से कम नौकरी पर भी मिलेगी पेंशन; जानें EPFO का नया नियम 

EPS नियमों में बड़ा बदलाव। अब 6 महीने से कम नौकरी करने वालों को भी पेंशन का हक। EPFO का यह फैसला लाखों युवाओं और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए राहत बनकर आया।

EPFO New Rule 2024: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इससे देशभर में प्राइवेट जॉब करने वाले लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा। ईपीएफओ के नए नियम के मुताबिक, ऐसे कर्मचारी जो किसी कारणवश 6 महीने से कम नौकरी करके छोड़ देते हैं, उन्हें भी EPS यानी पेंशन का अधिकार मिलेगा।

ईपीएफओ अभी 6 महीने से कम नौकरी करने वाले कर्मचारियों का EPS कंट्रीब्यूशन 'शून्य' सेवा वर्ष (Zero Completed Year) मान लेता था, जिस कारण हजारों कर्मचारी पेंशन के अधिकार से वंचित हो जाते थे, लेकिन EPFO ने अप्रैल-मई 2024 के सर्कुलर के बाद से यह नियम बदल दिया है।

क्या है EPFO का नया नियम?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नए नियम के मुताबिक, कोई व्यक्ति चाहे 1 महीने नौकरी करे, लेकिन यदि उसने EPS में योगदान किया है तो वह EPS पेंशन के लिए पात्र होगा। यानी पेंशन पाने का हक अब सेवा के पूरे साल की बजाय, योगदान के आधार पर तय किया जाएगा।

EPFO ने क्यों बदले नियम?

ईपीएफओ का यह फैसला उन सेक्टर्स के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जहां कम समय के लिए जॉब ऑफर की जाती है। मसलन, BPO, लॉजिस्टिक्स, अनुबंध (Contract) स्टाफिंग और शॉर्ट-टर्म प्रोजेक्ट्स में हर साल हजारों लोगों को चंद महीने बाद ही फायर कर दिया जाता है। फाइनेंस और सेल्स से जुड़ी जॉब भी ऐसे ही होती हैं।

इन सेक्टरर्स में छह माह से कम नौकरी करने वाले हजारों कर्मचारी EPS कंट्रीब्यूशन के बावजूद पेंशन से वंचित हो जाते थे। उनका EPS कंट्रीब्यूशन भी बेकार हो जाता था। नया नियम युवाओं और अनियमित कार्यबल के लिए एक बड़ी राहत होगी।

PF खाताधारक क्या करें?

आपने यदि किसी कंपनी में 6 महीने से कम नौकरी की है और EPS कंट्रीब्यूशन किया है। तो अपने PF पासबुक की जांच करें कि EPS कंट्रीब्यूशन दर्ज है या नहीं। अगर EPS हिस्सा नहीं दिख रहा तो 2024 के सर्कुलर का हवाला देते हुए EPFO को शिकायत करें। शिकायत करते समय पासबुक का स्क्रीनशॉट या PDF फॉर्मेट सेव कर लें।

पुराने नियमों में क्या था?

6 महीने से कम सेवा को शून्य पूर्ण सेवा वर्ष (Zero completed year) माना जाता था। ऐसे कर्मचारियों को EPS राशि निकालने की अनुमति नहीं होती थी, जिससे उनका योगदान वहीं अटक जाता था। यह प्रक्रिया न्यायसंगत नहीं मानी जा रही थी, क्योंकि योगदान देने के बावजूद अधिकार नहीं मिल रहा था।

एक्सपर्ट्स की राय

रिटायरमेंट प्लानिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला पेंशन फंड की समावेशिता बढ़ाने वाला है और उन कर्मचारियों के हित में है, जिनका करियर शुरुआती दौर में अस्थिर होता है।

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