ईडी का बड़ा एक्शन: अनिल अंबानी की 3000 हजार करोड़ की 40 संपत्ति जब्त, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला

Anil ambani property attached by ED
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अनिल अंबानी की 3 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी ईडी ने अटैच कर ली है। 

ED Action on Anil Ambani: ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस ग्रुप के अनिल अंबानी की 3084 करोड़ की संपत्तियां अटैच कीं। मामला रिलायंस होम और कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड के फंड डायवर्जन से जुड़ा है।

ED Action on Anil Ambani: अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में रिलायंस ग्रुप चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़ी 3000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अटैच कर दी हैं। एजेंसी ने सोमवार (3 नवंबर 2025) को इसकी जानकारी दी।

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत 4 प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किए हैं। इनमें अंबानी का मुंबई के पाली हिल इलाके में स्थित आलीशान घर भी शामिल है, जिसमें हैलीपेड तक है। इसके अलावा, उनके ग्रुप की अन्य रिहायशी और कारोबारी संपत्तियां भी जब्त की गई हैं।

अनिल अंबानी की 40 प्रॉपर्टी जब्त की

सूत्रों के मुताबिक, अटैच की गई कुल संपत्ति की कीमत करीब 3084 करोड़ है। इसमें दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर स्थित रिलायंस सेंटर की जमीन, साथ ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और ईस्ट गोदावरी में फैली कई संपत्तियां शामिल हैं।

ED की जांच में फंड डायवर्जन का खुलासा

ईडी की जांच का यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड से जुड़ा है। एजेंसी के मुताबिक, इन कंपनियों के जरिए सार्वजनिक धन में गड़बड़ी और फंड डायवर्जन का मामला सामने आया है।

साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने आरएचएफएल में 2,965 करोड़ और आरसीएफएल में 2045 करोड़ का निवेश किया था। लेकिन दिसंबर 2019 तक ये निवेश नॉन-परफॉर्मिंग हो गए। उस समय RHFL पर 1353 करोड़ और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ का बकाया था।

ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई ग्रुप कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ से अधिक के कर्ज में गड़बड़ी और फंड डायवर्जन के आरोपों से जुड़ी है। इस मामले में अनिल अंबानी से अगस्त में पूछताछ की गई थी। इससे पहले, जुलाई में ईडी ने मुंबई में अंबानी के ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 लोगों के 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इन लोगों में कंपनी के शीर्ष अधिकारी भी शामिल थे।

ईडी की जांच की जड़ें सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर से जुड़ी हैं, जिस पर एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया। अब एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि फंड्स को किन खातों में ट्रांसफर किया गया और किन कंपनियों को इससे फायदा हुआ।

(प्रियंका कुमारी)

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