Dollar Slips: डॉलर फिसला, येन मजबूत बिटकॉइन फिर टूटा, फेड मीटिंग से पहले बाजार में देखने को मिली हलचल

डॉलर फिसला, येन मजबूत बिटकॉइन फिर टूटा, फेड मीटिंग से पहले बाजार में देखने को मिली हलचल
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अमेरिकी डॉलर इस हफ्ते हल्का फिसल गया, क्योंकि बाजार अगले हफ्ते की फेड मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की लगभग 90% संभावना देख रहा है। येन मजबूत हुआ, बिटकॉइन टूटा और अगले दो हफ्तों में वैश्विक करेंसी मार्केट में आ सकता है बड़ा बदलाव।

(एपी सिंह ) वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी डॉलर में इस हफ्ते हल्की गिरावट देखने को मिली है, क्योंकि ट्रेडर्स लगभग तय मान चुके हैं कि अगले हफ्ते होने वाली फेडरल रिजर्व की मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की घोषणा हो सकती है। बाजार के अनुमान के मुताबिक दर कटौती की संभावना करीब 90% तक पहुंच चुकी है। यह उम्मीद मुख्य रूप से हाल ही में आए कमजोर लेबर डेटा और फेड अधिकारियों के नरम रुख वाले बयानों के कारण बढ़ी है। डॉलर इंडेक्स, 0.1% गिरकर 98.994 पर आ गया है। यह गुरुवार को अपने पांच हफ्तों के निचले स्तर 98.765 के पास ही बना रहा। यूरो भी लगभग स्थिर रहा, लेकिन हाल के हफ्तों के ऊपरी स्तरों के आसपास ट्रेड कर रहा है।

डॉलर फिलहाल ओवरवैल्यूड

विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर फिलहाल ओवरवैल्यूड है और नरमी का रुझान इसलिए सही दिखाई देता है। मॉर्गन स्टैनली, जेपी मॉर्गन और बैंक ऑफ अमेरिका जैसे बड़े निवेश बैंक भी अब दिसंबर में 0.25% की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि पहले वे दरों में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना जताते थे। इससे यह संकेत मिलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विकास को सहारा देने के लिए फेड एक नरम नीति की ओर बढ़ रहा है।

जापानी येन में मजबूती

अगर व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट अगले साल जेरोम पॉवेल की जगह फेड चेयर बनते हैं, तो मौद्रिक नीति और भी डोविश हो सकती है, यानी दर कटौती की संभावना आगे और बढ़ सकती है। दूसरी ओर, जापानी येन में मजबूती आई है, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि बैंक ऑफ जापान इस महीने ब्याज दरें बढ़ा सकता है। अगर यह होता है तो कैरी ट्रेड में इस्तेमाल होने वाली येन की मांग बढ़ेगी और मुद्रा और मजबूत हो सकती है।

ब्रिटिश पाउंड स्थिर

ब्रिटिश पाउंड भी स्थिर रहा, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन लगातार दूसरे दिन करीब 3% टूट गया। आने वाले दो हफ्तों में कई बड़े देशों की सेंट्रल बैंक मीटिंग्स होने वाली हैं ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्विट्ज़रलैंड, फिर अमेरिका की फेड। उसके बाद जापान, यूरोप, ब्रिटेन और स्वीडन। यानी वैश्विक वित्तीय बाज़ारों में अगला सप्ताह अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। समग्र रूप से देखें तो डॉलर की कमजोरी इस बात का संकेत है कि बाजार फेड से नरम नीति की उम्मीद कर रहा है, जबकि जापान की संभावित दर वृद्धि वैश्विक करंसी मार्केट में नए बदलाव ला सकती है।

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