मेक इन इंडिया को झटका: iPhone प्रोडक्शन पर संकट, चीन ने रोकी मशीनों की सप्लाई; Foxconn ने वापस बुलाए इंजीनियर्स

भारत में iPhone प्रोडक्शन पर संकट: चीन ने मशीनों की सप्लाई रोकी, Foxconn ने वापस बुलाए इंजीनियर्स
Apple iPhone Production India: भारत में Apple के iPhone उत्पादन पर संकट मडराने लगा है। चीन ने इसके लिए जरूरी मशीनरी और पार्ट्स की डिलीवरी रोक दी। साथ ही iPhone बनाने वाली कंपनी Foxconn ने भारत में कार्यरत अपने 300 से ज्यादा चीनी इंजीनियरों और टेक्नीशियनों को वापस लौटने को कहा है। चीन का यह कदम मोदी सरकार के मेक इंडिया अभियान के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
विशेषज्ञ इसे भारत की तेजी से बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर चीन की रणनीतिक प्रतिक्रिया के तौर पर देख रहे हैं। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
Foxconn और iPhone पर सीधा असर
- भारत में iPhone असेंबली की जिम्मेदारी संभाल रही Foxconn कंपनी के लिए बड़ी चुनौती है। सूत्रों के अनुसार, चीनी इंजीनियर्स की संख्या भले ही 1% से भी कम है, लेकिन वे प्रोडक्शन क्वालिटी, R&D और लाइन सेटअप जैसे क्रिटिकल फंक्शन्स में शामिल हैं। उनके जाने से प्लांट की गति धीमी पड़ सकती है।
- चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब भारत में Apple का प्रोडक्शन 25% के पार पहुंच चुका है। साथ ही भारत अब वैश्विक iPhone आपूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
चीन की रणनीति या टिट-फॉर-टैट?
चीन का यह कदम शायद 'टिट-फॉर-टैट' नीति का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि चीनी कर्मचारियों को यहां बिजनेस वीजा मिलने में काफी कठिनाई हो रही थी। जिसके जवाब में चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स (जो EVs और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग होते हैं) की सप्लाई रोक दी। अब जरूरी मशीनों और पार्ट्स की डिलीवरी भी रोक दी और चीनी इंजीनियरों को भारत से वापस बुलाया जा रहा है।
क्या होगा इसका असर?
- मैन्युफैक्चरिंग में देरी: इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्मार्टफोन सेक्टर की सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है
- ट्रेनिंग गैप: चीनी इंजीनियरों के अनुभव की भरपाई तुरंत संभव नहीं
- नवाचार पर असर: रिसर्च, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट की गति धीमी पड़ सकती है
Apple भारत पर क्यों कर रहा भरोसा?
Apple ने चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत को बड़ा प्रोडक्शन हब बनाने की योजना बनाई है। इसके छह प्रमुख कारण हैं।
- सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन: चीन में कोविड, लॉजिस्टिक और पॉलिटिकल रिस्क के चलते Apple भारत की ओर झुका
- लो-कॉस्ट लेबर: भारत में उत्पादन लागत कम
- PLI स्कीम और मेक इन इंडिया: सरकारी इंसेंटिव्स
- लोकल मार्केट ग्रोथ: भारत तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाजार
- एक्सपोर्ट पोटेंशियल: भारत से 70% iPhone एक्सपोर्ट हो रहे
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार: Foxconn और Tata का $2.7 बिलियन का निवेश कर्नाटक में
आंकड़ों से समझें भारत में iPhone प्रोडक्शन की रफ्तार
- 2024 में भारत ने $14 बिलियन के iPhones बनाए
- 2025 (जनवरी–मई) में $4.4 बिलियन के iPhone अमेरिका को एक्सपोर्ट
- GTRI रिपोर्ट: अब 25% ग्लोबल iPhone प्रोडक्शन भारत में होता है
चुनौतियाँ क्या हैं?
भारत में अभी भी स्किल गैप मौजूद है। चीन से कंपोनेंट सप्लाई रुकना सप्लाई चेन डिसरप्शन ला सकता है। Apple को नई रणनीति के तहत इंडियन टैलेंट पर तेजी से निवेश करना होगा। चीन की ओर से मशीनरी और इंजीनियरों की वापसी का फैसला भारत के लिए बड़ा झटका है। मैन्युफैक्चरिंग आत्मनिर्भरता अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत बन चुकी है। Apple और Foxconn जैसे दिग्गजों के लिए यह वक्त है, भारत में स्थानीय स्किल डेवेलपमेंट और मल्टी-सोर्सिंग रणनीति को तेज़ी से अपनाने का।
