China Maglev train: हवाई जहाज की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन, 2 सेकंड में पकड़ी 700KMPH की स्पीड; चीन ने फिर चौंकाया

चीन की सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रिक मैग्लेव ट्रेन ने 2 सेकंड में 700 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर ली।
China Maglev train: चीन ने हाई-स्पीड रेल तकनीक में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। देश ने सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रिक मैग्लेव ट्रेन का सफल परीक्षण किया, जिसने महज 2 सेकंड में 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर ली। यह अब तक की सबसे तेज़ सुपरकंडक्टिंग मैग्लेव टेस्ट ट्रेन मानी जा रही।
यह ऐतिहासिक परीक्षण चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने किया। करीब 1 हजार किलोग्राम वजन वाली इस मैग्नेटिक लेविटेशन व्हीकल को 400 मीटर लंबे मैग्लेव ट्रैक पर दौड़ाया गया। खास बात यह रही कि रिकॉर्ड स्पीड तक पहुंचने के बाद ट्रेन को उसी ट्रैक पर सुरक्षित तरीके से रोक भी लिया गया।
🚄🇯🇵 Le train japonais Maglev L0 ne se contente pas d’être rapide : il redéfinit littéralement la notion de vitesse dans le transport moderne.
— Le Contemplateur (@LeContempIateur) December 4, 2025
Grâce à la lévitation magnétique, il flotte au-dessus de son rail, éliminant toute friction et lui permettant d’atteindre plus de 600… pic.twitter.com/hnV4VnZ3Ro
चीन की मैग्लेव ट्रेन ने रफ्तार का रिकॉर्ड तोड़ा
टेस्ट का वीडियो सामने आने के बाद यह प्रयोग दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया। वीडियो में ट्रेन चांदी की चमकदार लकीर की तरह पलक झपकते ही आगे निकल जाती। इसके पीछे हल्की धुंध जैसी लकीर बनती दिखती है, जो किसी साइंस फिक्शन फिल्म का सीन लगती।
2 सेकंड में पकड़ी 700KMPH की रफ्तार
इस मैग्लेव ट्रेन की खासियत यह है कि यह पटरी को छुए बिना चलती है। इसमें लगे शक्तिशाली सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट ट्रेन को ट्रैक से ऊपर उठाए रखते हैं, जिससे घर्षण लगभग खत्म हो जाता है। यही वजह है कि इतनी जबरदस्त रफ्तार हासिल करना संभव हो पाता। टेस्ट में इस्तेमाल किया गया इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एक्सेलेरेशन सिस्टम इतना ताकतवर है कि वैज्ञानिकों का कहना है, इसका सिद्धांत रूप से इस्तेमाल रॉकेट लॉन्च करने में भी किया जा सकता।
भविष्य में सफर की परिभाषा बदल सकती
इतनी तेज गति वाली यह तकनीक भविष्य में शहरों के बीच सफर की परिभाषा बदल सकती। लंबी दूरी की यात्राएं मिनटों में पूरी हो सकती। इसके साथ ही यह तकनीक हाइपरलूप जैसे भविष्य के ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए भी अहम जानकारी देती है, जहां ट्रेन लो-प्रेशर या वैक्यूम ट्यूब में बेहद तेज रफ्तार से चलती हैं।
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर ली जीए ने कहा कि यह सफल परीक्षण चीन के अल्ट्रा-हाई-स्पीड मैग्लेव ट्रांसपोर्ट रिसर्च को नई रफ्तार देगा।
इस प्रोजेक्ट पर रिसर्च टीम पिछले 10 साल से ज्यादा समय से काम कर रही। इसी साल जनवरी में इसी ट्रैक पर ट्रेन ने 648 किमी/घंटा की स्पीड हासिल की थी। वहीं करीब 30 साल पहले इसी यूनिवर्सिटी ने चीन की पहली मैन्ड सिंगल-बोगी मैग्लेव ट्रेन विकसित की थी, जिससे चीन मैग्लेव तकनीक में महारत हासिल करने वाला दुनिया का तीसरा देश बना था।
(प्रियंका कुमारी)
