NPS vs UPS: सरकार ने दी राहत, कर्मचारी फिर से बदल सकेंगे पेंशन स्कीम; केवल 3 महीने का मौका

केंद्र सरकार ने UPS चुनने वाले कर्मचारियों को NPS में स्विच करने का मौका दिया है।
NPS vs UPS: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। जो कर्मचारी पहले UPS चुन चुके हैं, अब उन्हें 3 महीने की सीमित अवधि में NPS में लौटने का मौका मिलेगा। यह फैसला गारंटीड पेंशन और मार्केट-लिंक्ड फंड के बीच संतुलन बनाने का मौका देता है। अगर आप समय पर निर्णय नहीं लेते, तो यह विकल्प अपने आप खत्म हो जाएगा।
UPS से NPS में जा सकेंगे कर्मचारी
बड़ी बात ये है कि यह स्विच सुविधा उन मामलों में नहीं दी जाएगी, जहां कर्मचारी को बर्खास्तगी, हटाए जाने, सजास्वरूप अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़े या उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही हो। अगर कोई कर्मचारी यूपीएस से एनपीएस में स्विच करता है तो उसके लिए फिर यूपीएस के गारंटीड पेंशन लाभ खत्म हो जाएंगे। ऐसे कर्मचारियों पर PFRDA (Exit & Withdrawal under NPS) Regulations, 2015 लागू होंगे।
सरकार की तरफ से में जो 4% डिफरेंशियल योगदान किया गया है, उसे भी कर्मचारी के एनपीएस कॉर्पस में जोड़ दिया जाएगा।
UPS VS NPS
यूपीएस, जिसे 24 जनवरी 2025 को अधिसूचित किया गया था और 1 अप्रैल 2025 से लागू हुआ, कर्मचारियों को पेंशन के रूप में आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% गारंटी देता है। इसके लिए कम से कम 25 साल की सेवा जरूरी है। वहीं, एनपीएस मार्केट-लिंक्ड स्कीम है, जहां पेंशन की रकम निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
सरकार ने जुलाई तक के आंकड़ों में बताया कि अब तक सिर्फ 31555 कर्मचारी यूपीएस में शामिल हुए हैं। यही वजह है कि सरकार ने यूपीएस चुनने की आखिरी तारीख 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी थी।
याद दिला दें कि पहले ओल्ड पेंशन स्कीम लागू थी, जिसमें कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलता था। 1 जनवरी 2004 से नए भर्ती कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को हटा दिया गया था और उसकी जगह एनपीएश लागू किया गया था। अब यूपीएस को हाइब्रिड स्कीम के रूप में लाया गया, ताकि कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन और मार्केट आधारित फंड का मिश्रण मिल सके।
सामाजिक सुरक्षा पर सरकार का फोकस
केंद्र सरकार लगातार कर्मचारियों और आम लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच मजबूत करने की दिशा में काम कर रही। इससे पहले 2015 में सरकार ने अटल पेंशन योजना लॉन्च की थी, जो असंगठित क्षेत्र के गरीब और कमजोर वर्गों को न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की गारंटी देती है।
(प्रियंका कुमारी)
