Car Purchase: लोन लेकर कार खरीदने की है प्लानिंग? जानिए किस बैंक से मिलेगा ज्यादा फायदा

कार लोन से जुड़ी जरूरी बातें।
Car Purchase: आज के समय में अपनी खुद की कार होना सिर्फ लग्जरी नहीं, बल्कि ज़रूरत बन गई है। लेकिन एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए लाखों रुपये एक साथ खर्च कर कार खरीदना आसान नहीं होता। ऐसे में बैंक लोन एक अच्छा विकल्प बनकर सामने आता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि कार लोन के लिए सरकारी बैंक बेहतर हैं या प्राइवेट बैंक?
अगर आप भी कार लोन लेकर अपनी गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप पहले विभिन्न बैंकों की ब्याज दर और EMI स्ट्रक्चर की तुलना करें। यहां हम देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI और सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC के कार लोन की तुलना कर रहे हैं, ताकि आप समझ सकें कहां से लेना होगा ज्यादा फायदेमंद।
SBI कार लोन: कम ब्याज और किफायती EMI
SBI (State Bank of India) कार लोन पर शुरुआत 9.10% ब्याज दर से ऑफर करता है। हालांकि, ब्याज दर लोन की राशि और आपके सिबिल स्कोर के अनुसार थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है।
- लोन राशि: ₹7 लाख
- कार्यकाल: 5 साल
- ब्याज दर (उदाहरण): 9.20%
- मंथली EMI: ₹13,927
- कुल चुकौती (5 साल में): ₹8,35,619
- ब्याज राशि: ₹1,35,619
- अगर आप कम EMI और कुल कम ब्याज चुकाने की सोच रहे हैं, तो SBI का विकल्प किफायती साबित हो सकता है।
HDFC बैंक कार लोन: थोड़ा महंगा विकल्प
HDFC बैंक कार लोन की शुरुआती ब्याज दर 9.40% है, जो कि सिबिल स्कोर और लोन अमाउंट पर निर्भर करती है।
- लोन राशि: ₹7 लाख
- कार्यकाल: 5 साल
- ब्याज दर (उदाहरण): 9.50%
- मंथली EMI: ₹14,027
- कुल चुकौती (5 साल में): ₹8,41,594
- ब्याज राशि: ₹1,41,594
HDFC बैंक की सुविधा और प्रोसेसिंग फास्ट जरूर है, लेकिन आपको ब्याज के रूप में ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है।
कौन सा विकल्प बेहतर है?
दोनों बैंकों के लोन में करीब ₹6,000 का कुल अंतर है। SBI जहां कम ब्याज दर और EMI के साथ आता है, वहीं HDFC बैंक फास्ट प्रोसेसिंग और प्राइवेट बैंक की सुविधाएं देता है। अगर आपकी प्राथमिकता कम EMI और कुल चुकौती पर है, तो SBI ज्यादा फायदेमंद रहेगा। लेकिन अगर आपको जल्दी लोन अप्रूवल और डॉक्युमेंटेशन में सुविधा चाहिए, तो HDFC भी एक विकल्प हो सकता है।
