Credit score: अभी खरीदो, बाद में चुकाओ...आपके लिए कितना सही, क्या क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता

Buy now pay later scheme
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Buy now pay later scheme

अभी खरीदो और बाद में पेमेंट वाली स्कीम पहली बार क्रेडिट लेने वालों के लिए आसान और आकर्षक विकल्प बन रहा है। समय पर भुगतान स्कोर सुधार सकता है लेकिन चूकने पर हिस्ट्री बिगाड़ देता है।

Buy Now Pay later scheme: अभी खरीदो, बाद में चुकाओ वाली स्कीम तेजी से युवाओं और पहली बार क्रेडिट लेने वालों के बीच लोकप्रिय हो रही। बिना ज्यादा कागजी प्रोसेस और तुरंत मंजूरी के कारण यह क्रेडिट की दुनिया में आसान एंट्री का जरिया बन गया। छोटे-छोटे किश्तों में कुछ हफ्तों या महीनों तक भुगतान करने की सुविधा इसे और आकर्षक बनाती है। खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास न क्रेडिट कार्ड है और न ही लंबा वित्तीय इतिहास।

अभी खरीदो, बाद में चुकाओ का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इससे क्रेडिट रिपोर्ट पर असर पड़ता है। इसका जवाब अलग-अलग प्रदाताओं पर निर्भर करता है। कई बाय नाऊ, पे लेटर कंपनियां समय पर भुगतान को क्रेडिट ब्यूरो तक रिपोर्ट करती हैं, जिससे स्कोर बनाने में मदद मिलती है। लेकिन अगर किस्त चूक जाए तो शुरुआत में ही क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है। वहीं, कुछ कंपनियां ब्यूरो को रिपोर्ट ही नहीं करतीं, ऐसे में इस सेवा का न फायदा होता है न नुकसान। यही असमानता पहली बार कर्ज लेने वालों को उलझन में डालती है।

ज्यादा इस्तेमाल बन सकता है खतरा

इस स्कीम की सबसे बड़ी समस्या इसका आसान होना है। अक्सर लोग छोटी-छोटी किश्तों को हल्के में ले लेते हैं और कई कंपनियों से एक साथ कर्ज ले बैठते हैं। किश्तें जोड़कर बड़ी रकम बन जाती है और समय पर भुगतान न करने पर भारी जुर्माना लग सकता। इतना ही नहीं, शुरुआती क्रेडिट फाइल पर दाग लगने से आगे चलकर लोन या क्रेडिट कार्ड लेना और मुश्किल हो जाता है। इस तरह ये स्कीम कभी-कभी जिम्मेदारी की झूठी तस्वीर पेश करती है जबकि असल कर्ज लंबी अवधि और बड़े अमाउंट का होता है।

क्रेडिट स्कोर बनाने के दूसरे रास्ते

पहली बार क्रेडिट लेने वालों के लिए अभी खरीदो, बाद में पेमेंट करो ही इकलौता रास्ता नहीं है। सुरक्षित क्रेडिट कार्ड (फिक्स्ड डिपॉजिट के आधार पर मिलने वाले), छोटे पर्सनल लोन या बिजली-पानी के बिल जैसी यूटिलिटी पेमेंट्स भी क्रेडिट ब्यूरो तक रिपोर्ट की जाती हैं। इन विकल्पों में नियम ज्यादा साफ होते हैं और नियामकीय निगरानी भी बेहतर होती है। इसलिए लंबे समय तक मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल बनाने के लिए BNPL से आगे बढ़ना जरूरी है।

समझदारी से इस्तेमाल जरूरी

अगर सावधानी से इस्तेमाल किया जाए तो ये स्कीम शुरुआती दौर में क्रेडिट से परिचय कराने का अच्छा जरिया हो सकता है। बस शर्त है कि एक बार में ज्यादा ट्रांजैक्शन न लें, केवल उतना ही कर्ज लें जितना समय पर चुका सकें और यह ध्यान रखें कि कंपनी भुगतान हिस्ट्री को क्रेडिट ब्यूरो तक भेज रही है या नहीं।

(प्रियंका कुमारी)

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