Investment in FD and MF: ज्यादा रिटर्न की चाहत बैंक एफडी का क्रेज कर रही कम? इन जगहों पर बढ़ रहा निवेश

Fix Deposite and Mutual funds Share market investment
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बीते कुछ वक्त में एफडी को लेकर निवेशकों को रुझान कुछ कम हुआ है।

Investment in FD and MF: बैंकों द्वारा एफडी पर ब्याज घटाने के बाद इसे लेकर क्रेज थोड़ा कम होने लगा है। जानते हैं लोग रिस्क लेकर अपना पैसा कहां लगाना पसंद कर रहे हैं।

Investment in FD and MF: भारतीय निवेशकों की प्राथमिकताओं में अब बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले जहां बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश का जरिया माना जाता था, अब उसकी जगह म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और इंश्योरेंस जैसे विकल्प ले रहे हैं। बैंक एफडी की ब्याज दरों में होने वाली कमी भी इसका एक बड़ा कारण है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताज़ा आंकड़ों से साफ है कि लोग अब ज्यादा रिटर्न के लिए जोखिम उठाने को तैयार हैं। यह ट्रेंड न केवल युवाओं में बल्कि व्यापक स्तर पर पूरे देश में देखा जा रहा है।

एफडी में निवेश घटा, टर्म डिपॉजिट्स में हिस्सेदारी घटी

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीयों की टर्म डिपॉजिट्स (एफडी, आरडी आदि) में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 के अंत में 50.54% थी, जो वित्त वर्ष 2025 के अंत तक घटकर 45.77% पर आ गई। यह दर्शाता है कि बैंक एफडी में अब पहले जितना निवेश नहीं किया जा रहा है।

ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का असर

कोविड-19 महामारी के दौरान मार्च 2020 से मई 2022 तक RBI ने रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी। बाद में, इसे 225 बेसिस पॉइंट्स तक बढ़ाया गया। हाल के महीनों में, RBI ने फिर से ब्याज दरों को घटाना शुरू किया है—फरवरी, अप्रैल और जून की शुरुआत में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई। इसके चलते एफडी पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो गया है।

म्यूचुअल फंड में बेतहाशा बढ़ा निवेश

AMFI के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 तक 23 करोड़ म्यूचुअल फंड निवेश खातों में से 91% खाते व्यक्तिगत निवेशकों के हैं। मई 2021 में यह आंकड़ा 10 करोड़ से थोड़ा ही अधिक था। यह दिखाता है कि किस तरह से म्यूचुअल फंड का रुझान तेजी से बढ़ा है।

बचत का पैटर्न बदल रहा है

RBI के अर्थशास्त्रियों के एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, भारतीय परिवार अब अपनी बचत को अलग-अलग साधनों में निवेश कर रहे हैं। बैंकों में जमा की हिस्सेदारी घटी है, जबकि बीमा और म्यूचुअल फंड्स में निवेश में इज़ाफा हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशकों की सोच अब "सिर्फ सुरक्षित" नहीं, बल्कि "रिटर्न-केंद्रित" होती जा रही है।

म्यूचुअल फंड AUM में भारी इज़ाफा

म्यूचुअल फंड्स के प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (AUM) 30 अप्रैल 2025 को बढ़कर ₹69.50 लाख करोड़ हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2020 के अंत में यह ₹22.26 लाख करोड़ थी। यह करीब 212% की वृद्धि है, जो दर्शाती है कि लोगों का भरोसा अब म्यूचुअल फंड पर अधिक हो गया है।

जोखिम लेने को तैयार हैं निवेशक

RBI के दिसंबर 2024 में प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, 2022 में लगभग 17.8% भारतीय परिवारों ने जोखिमपूर्ण संपत्तियों में निवेश किया, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 15.7% था। शेयर बाजार, इक्विटी म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी जैसी जगहों को इन ‘रिस्की असेट्स’ में शामिल किया गया है।

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