August WPI Data: थोक महंगाई दर अगस्त में फिर बढ़ी, 4 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पहुंची

WPI Inflation data august
August WPI Data: भारत की थोक महंगाई दर ने अगस्त 2025 में वापसी की और 4 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई अगस्त में 0.52 फीसदी रही। जुलाई में यह -0.58 फीसदी पर थी, जो 2 साल के निचला स्तर था।
ICRA के सीनियर इकोनॉमिस्ट राहुल अग्रवाल के मुताबिक, अगस्त और जुलाई के बीच थोक महंगाई में आए 110 बेसिस पॉइंट्स उछाल में से 73 बेसिस पॉइंट्स सिर्फ खाद्य वस्तुओं की वजह से रहे। इसके बाद कोर WPI का असर दिखा। सब्जियों की कीमतों में गिरावट जारी रही लेकिन रफ्तार धीमी रही। जहां जुलाई में सब्जियों में -28.96 फीसदी की गिरावट थी। वहीं, अगस्त महीने में ये -14.12 फीसदी रही।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई अगस्त में -3.1% रही जबकि जुलाई में यह -6.3 फीसदी थी। यानी कीमतों में गिरावट कम हुई है।
मैन्युफैक्चरिंग और ईंधन का क्या हाल है
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 2.55 फीसदी रही, जो जुलाई में 2.05 फीसदी थी। यानी फैक्ट्री से निकलने वाले सामान महंगे हुए। ईंधन और बिजली की महंगाई दर अगस्त में -3.2% रही, जो जुलाई के -2.4% से ज्यादा गिरावट है।प्राइमरी आर्टिकल्स (कच्चे माल) की महंगाई अगस्त में -2.1 फीसदी रही जबकि जुलाई में यह -4.95 फीसदी थी।
ICRA का अनुमान है कि सितंबर में थोक महंगाई और बढ़कर करीब 0.9 फीसदी तक जा सकती। इसका कारण है कि कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की वैश्विक कीमतों में तेजी और रुपया-डॉलर विनिमय दर में गिरावट। हालांकि, ऊंचा बेस इफेक्ट खाद्य वस्तुओं को फिर से डिफ्लेशन (गिरावट) की तरफ धकेल सकता है।
थोक महंगाई के साथ खुदरा महंगाई (CPI) में भी अगस्त में तेजी आई। यह जुलाई के 1.55% से बढ़कर 2.07% पर पहुंच गई।
