Bharti Airtel में 7,400 करोड़ की बड़ी ब्लॉक डील के बाद शेयर 2% से ज्यादा टूटे, क्या है पीछे की कहानी?

एपी सिंह ) मुंबई। भारती एयरटेल के शेयर बुधवार को शुरुआती कारोबार में 2.07% की गिरावट देखने को मिली है। गिरावट की यह वजह एक बड़ी ब्लॉक डील रही, जिसमें लगभग 3.5 करोड़ शेयरों का लेन-देन किया गया। इस सौदे की कुल वैल्यू करीब ₹7,400 करोड़ रही और लेन-देन का प्राइस ₹2,108 प्रति शेयर तय हुआ। यह कुल मिलाकर कंपनी की लगभग 0.6% हिस्सेदारी के बराबर है। मार्केट रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ब्लॉक डील के पीछे एयरटेल के प्रमोटर ग्रुप की एक एंटिटी द्वारा हिस्सेदारी बेचने की संभावना जताई गई है। शुरुआती सत्र में एनएसई पर एयरटेल का शेयर ₹2,115.70 पर ट्रेड कर रहा था, जो 2.12% की कमजोरी दिखाता है। हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि साल की शुरुआत से अब तक एयरटेल के शेयर ने 32% से अधिक का रिटर्न दिया है, जो निफ्टी-50 के लगभग 9.5% के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन है। यानी, एक-दो दिन की गिरावट के बावजूद शेयर का लंबे समय का ट्रेंड अभी भी मजबूत है.
उजागर नहीं की शेयर बेचने वाले की पहचान
एक्सचेंज ने आधिकारिक तौर पर शेयर बेचने वाले की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन सौदे का आकार और कीमत उन रिपोर्ट्स से मेल खाती है जिनमें कहा गया था कि प्रमोटर ग्रुप की कंपनी Indian Continent Investment Ltd (ICIL) लगभग 3.43 करोड़ शेयर बेच सकती है। इसका फ्लोर प्राइस ₹2,096.7 रखा गया था, जो पिछले क्लोजिंग प्राइस से लगभग 3% डिस्काउंट पर था। सितंबर तिमाही के अंत तक ICIL के पास एयरटेल में 1.48% हिस्सेदारी थी। नई ब्लॉक डील के बाद इसकी हिस्सेदारी घटकर लगभग 0.92% रह जाएगी। ICIL पिछले कुछ महीनों से लगातार अपनी हिस्सेदारी कम कर रहा है और पिछले साल अगस्त में उसने लगभग 1% हिस्सेदारी बेचकर ₹11,227 करोड़ जुटाए थे, जो उस समय की सबसे बड़ी ब्लॉक डील में से एक थी।
लगातार बिक्री के बावजूद एयरटेल मजबूत
इसी महीने एयरटेल में एक और बड़ी सेलिंग देखने को मिली जब सिंगापुर की टेलीकॉम कंपनी Singtel ने अपनी 0.8% हिस्सेदारी बेच दी। इसमें 5.1 करोड़ शेयरों का सौदा हुआ, जिससे उसे $1 बिलियन (करीब ₹10,800 करोड़) से ज्यादा की रकम मिली। फिलहाल एयरटेल के प्रमोटर समूह की कुल हिस्सेदारी लगभग 50.27% है, जबकि Singtel के पास करीब 27.5% हिस्सा है। लगातार हो रही इन हिस्सेदारी बिक्री के बावजूद एयरटेल का मूल व्यवसाय मजबूत है और बाजार में इसकी पोजिशन स्थिर बनी हुई है। ब्लॉक डील जैसी गतिविधियां अक्सर शेयर कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव लाती हैं, लेकिन लंबी अवधि के ट्रेंड पर इसका सीधा असर नहीं होता जब तक कि कोई बड़ा फंडामेंटल बदलाव न हो।
