Fitch Rating: S&P के बाद फिच ने भी जताया भारत पर भरोसा, रेटिंग 'BBB-' बरकरार रखी, जानें क्या कहा?

Fitch India credit Rating update
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फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को 'BBB-' स्थिर आउटलुक के साथ बरकरार रखा। 

Fitch India Rating: फिच ने भारत की रेटिंग को BBB-बरकरार रखा है। इतना ही नहीं, एजेंसी ने ये भी बताया है कि भारत का कर्जा कम होगा।

Fitch India Rating: भारत के लिए अच्छी खबर है। S&P के बाद अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत पर भरोसा जताया और क्रेडिट रेटिंग को 'BBB-' स्थिर आउटलुक के साथ बरकरार रखा। यह ऐसे समय आया है, जब अमेरिका ने भारत के एक्सपोर्ट पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। फिच ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, स्थिर वित्तीय स्थिति और सुधरती राजकोषीय विश्वसनीयता इसके पॉजिटिव इंटिकेटर हैं।

फिच ने कहा कि भारत की लगातार विकास दर और मैक्रो स्थिरता प्रदान कर रहा। जीडीपी प्रति व्यक्ति और संरचनात्मक सुधारों में तेजी से मध्यम अवधि में कर्ज़ घटने की उम्मीद है। हालांकि, उच्च घाटे और कर्ज़ के चलते चुनौतियां बनी हुई हैं।

ट्रंप के टैरिफ का भारत पर नहीं होगा असर

ट्रम्प प्रशासन 27 अगस्त से भारत पर 50% टैरिफ लगाने की योजना बना रहा। फिच का कहना है कि इससे भारत के जीडीपी पर मामूली असर होगा क्योंकि अमेरिका को भारत का निर्यात जीडीपी का केवल 2% है। हालांकि, टैरिफ को लेकर जो संशय की स्थिति बनी है, वो निवेश और कारोबारी विश्वास पर असर डाल सकती।

फिच ने भारत की रेटिंग 'BBB-' बरकरार रखी

फिच की ये आकलन एसएंडपी द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी-' से बढ़ाकर 'बीबीबी' करने के कुछ दिनों बाद आया है। दोनों अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने ऐसे समय में भारत की विकास गाथा पर भरोसा जताया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'डेड इकोनॉमी' करार दिया है।

मजबूत जीडीपी वृद्धि

फिच ने कहा कि भारत की जीडीपी वित्तीय वर्ष 2026 में 6.5% रहेगी, जो BBB रेटिंग वाले अन्य देशों के औसत 2.5% से कहीं अधिक है। घरेलू मांग और सार्वजनिक निवेश से इस वृद्धि को सहारा मिलेगा। वहीं, निजी निवेश अमेरिकी टैरिफ जोखिम के कारण थोड़ा कमजोर रह सकता।

महंगाई और ब्याज दरें नियंत्रण में

फिच ने बताया कि खाद्य कीमतों में गिरावट और आरबीआई की नीतियों से महंगाई नियंत्रण में है। जुलाई में खुदरा महंगाई घटकर 1.6% रही। आरबीआई ने फरवरी-जून 2025 के बीच पॉलिसी रेपो रेट 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5% कर दिया। साल के अंत तक इसमें 25 बेसिस पॉइंट की और कटौती संभव है।

भारत का राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष में 4.8 फीसदी रहा, जो 2024 में 5.5% था। यह वित्तीय वर्ष 2021 के 9.2% की तुलना में बड़ी गिरावट है। पूंजीगत खर्च बढ़ाकर 3.2% जीडीपी तक पहुंचाया गया है, जिससे आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और विकास क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। फिच ने कहा कि भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, सकारात्मक बाहरी लेंडर स्थिति और कम चालू खाते का घाटा है। यही भारत की क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत बनाता है।

फिच और S&P दोनों की क्रेडिट रेटिंग से ये साफ है कि तमाम चुनौतियों और अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की ग्रोथ स्टोरी पर सबका भरोसा बना हुआ है। मजबूत घरेलू मांग, स्थिर अर्थव्यवस्था और सुधारवादी नीतियां भारत को आगे रखेंगी।

(प्रियंका कुमारी)

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