ऑनलाइन फ्रॉड: ठगी होने के बाद नहीं समझ आ रहा क्या करें? तुरंत इस नंबर पर करें कॉल

ऑनलाइन फ्रॉड के बाद तुरंत करें ये काम
Online Fraud: डिजिटल युग में जितनी आसानी से ऑनलाइन पेमेंट, शॉपिंग और बैंकिंग हो रही है, उतनी ही तेजी से साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। हर दिन हजारों लोग फर्जी लिंक, कॉल, ऐप या स्कैमर्स की वजह से अपने बैंक अकाउंट से पैसे गंवा रहे हैं। कई बार लोगों को समझ भी नहीं आता कि ठगी कहां और कैसे हुई।
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाएं, तो घबराने के बजाय तुरंत क्या कदम उठाएं। भारत सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर तुरंत कॉल करने से आपकी रकम को रोका जा सकता है और अपराधी पकड़े भी जा सकते हैं। आइए जानते हैं वो नंबर, पूरी प्रक्रिया और जरूरी सावधानियां।
इस नंबर पर करें तुरंत कॉल – 1930
अगर आपसे किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी हो जाती है – जैसे UPI फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट से खरीदारी, बैंक डिटेल्स लीक या ओटीपी के जरिए ठगी – तो सबसे पहले टोल-फ्री हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें। यह नंबर National Cyber Crime Reporting Portal से जुड़ा है, जहां तुरंत आपकी शिकायत दर्ज की जाती है।
ये जानकारी कॉल पर दें
कॉल करते समय आपको अपनी डिटेल्स जैसे – नाम, मोबाइल नंबर, फ्रॉड की रकम, समय, ट्रांजैक्शन ID और फ्रॉड का तरीका बताना होगा। जितनी जल्दी आप जानकारी देंगे, उतनी जल्दी आपकी राशि को होल्ड किया जा सकता है।
ऑनलाइन भी कर सकते हैं शिकायत
अगर आप कॉल नहीं कर पा रहे हैं, तो आप www.cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वहां ‘Report Other Cyber Crime’ सेक्शन में जाकर फॉर्म भरना होता है। स्क्रीनशॉट्स और ट्रांजैक्शन डिटेल्स अपलोड करने से कार्रवाई तेज होती है।
पुलिस और बैंक को भी करें सूचित
हेल्पलाइन के साथ-साथ अपने बैंक की कस्टमर केयर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को भी जानकारी दें। बैंक ट्रांजैक्शन को ब्लॉक करने में मदद करेगा, वहीं पुलिस की रिपोर्ट आगे जांच में काम आती है।
कैसे करें खुद का बचाव
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- ओटीपी या बैंक डिटेल्स कभी किसी से शेयर न करें।
- हमेशा ऑफिशियल ऐप और वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
- सोशल मीडिया पर शेयर की गई लॉटरी या इनाम जैसी बातों से दूर रहें।
