8th Pay Commission: नेशनल काउंसिल का नया प्रस्ताव, कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी फायदा

8वां वेतन आयोग: नेशनल काउंसिल का नया प्रस्ताव, कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी फायदा
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8वां वेतन आयोग: नेशनल काउंसिल का नया प्रस्ताव, कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी फायदा 

8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग के गठन का के गठन को लेकर ताजा अपडेट नहीं है, लेकिन नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी का एक प्रस्ताव सामने आया है। जो कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए काफी फायदेमंद है।

8th Pay Commission Update: आठवें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स के लिए जरूरी खबर है। आयोग के गठन को लेकर तो अब तक कोई अपडेट नहीं आया, लेकिन नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी का एक प्रस्ताव सामने आया है, जो कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

आठवें वेतन आयोग पर क्या है नया प्रस्ताव

  • नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी ने आठवें वेतन आयोग को लेकर जो सुझाव दिया है, उसके अनुसार, मिनिमम सैलरी की कैलकुलेशन 5 सदस्य वाले परिवार के आधार पर की जानी चाहिए। इसमें बुजुर्ग माता-पिता भी शामिल किए जाने का आग्रह किया गया है। सातवें वेतन आयोग में काम करने वाले पुरुष को एक यूनिट, पत्नी को 0.8 यूनिट और दो बच्चों को 0.6 यूनिट माना गया था।
  • नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी का तर्क है कि बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करना परिवार की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। ऐसे में वेतन कैलकुलेशन में बदलाव कर उन्हें भी यूनिट माना जाना चाहिए।

5 साल के बाद पेंशन बढ़ोतरी की सिफारिश

  • नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी ने सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव की भी मांग की है। इसके लिए लेवल 1 को लेवल 2 में, लेवल 3 को लेवल 4 में और लेवल 5 को लेवल 6 में अपग्रेड किए जाने का सुझाव दिया गया है। इससे कर्मचारियों को बेहतर ग्रोथ और सैलरी मिलेगी।
  • काउंसिल ने पेंशन के बदले गए हिस्से को 12 साल बाद बहाल करने और हर 5 साल बाद पेंशन बढ़ाने की सिफारिश भी की है। इससे पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। संसदीय स्थायी समिति ने भी इसके लिए सलाह दिया है।

आठवां वेतन आयोग क्या है?

वेतन आयोग संगठन के कर्मचारी और सरकार के बीच बातचीत का महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है। यह हर 10 साल के अंतराल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। जिसमें अधिकारी-कर्मचारी संघ के नेता अपनी समस्या समाधान कराने का प्रयास करते हैं। आठवें वेतन आयोग में 2.4 से 3.02 लाख करोड़ तक खर्च होने की उम्मीद है।

आठवां वेतन आयोग कब लागू होगा?

आठवें वेतन आयोग से जुड़े नियम और शर्तों को यदि 2025 के अंत तक मंजूरी मिल जाती है, तो आयोग को अपनी सिफरिश देने में लगभग डेढ़ साल लग जाएंगे। हालांकि, आठवें वेतन आयोग को मंजूरी देने में सरकार ही 3 से 9 महीने का समय लगा सकती है।

FAQs: आठवें वेतन आयोग पर पूछे जाने वाले सवाल

आठवां वेतन आयोग कब लागू होगा?

आठवें वेतन आयोग के नियम और शर्तों को अगर 2025 के अंत तक मंजूरी मिलती है, तो आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने में लगभग डेढ़ साल (18 महीने) लग सकते हैं। इसके बाद, सरकार को मंजूरी देने में 3 से 9 महीने का अतिरिक्त समय लग सकता है। इस हिसाब से, यह 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक लागू हो सकता है।

आठवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन कितना बढ़ेगा?

नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सुझाव दिया है कि न्यूनतम वेतन की गणना 5 सदस्यीय परिवार, जिसमें बुजुर्ग माता-पिता शामिल हों, के आधार पर की जाए। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकता है।

पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग से क्या लाभ होगा?

NC-JCM ने हर 5 साल बाद पेंशन बढ़ाने और बदले गए पेंशन हिस्से को 12 साल बाद बहाल करने की सिफारिश की है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है, जिससे पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलेगी।

आठवें वेतन आयोग में सैलरी स्ट्रक्चर में क्या बदलाव होंगे?

NC-JCM ने सैलरी स्ट्रक्चर में सुधार के लिए लेवल 1 को लेवल 2, लेवल 3 को लेवल 4, और लेवल 5 को लेवल 6 में अपग्रेड करने का प्रस्ताव दिया है। इससे कर्मचारियों को बेहतर करियर प्रगति और वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।

आठवें वेतन आयोग का गठन कब होगा और इसका खर्च कितना होगा?

सरकार ने जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, लेकिन औपचारिक गठन और नियम-शर्तें अभी तय नहीं हुई हैं। अनुमान है कि आयोग के लागू होने पर सरकार को 2.4 से 3.02 लाख करोड़ रुपये का खर्च वहन करना पड़ सकता है।

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