Old Car Purchase: पुरानी कार खरीदने की है तैयारी? 6 चीजें ज़रूर कर लें चेक, वरना पड़ सकता है पछताना

पुरानी कार खरीदने से पहले 5 जरूरी बातें चेक करें।
Old Car Purchase: आजकल नई कार खरीदना हर किसी के बजट में नहीं होता, ऐसे में सेकंड हैंड या पुरानी कार खरीदना एक बेहतर विकल्प साबित होता है। लेकिन पुरानी कार खरीदना उतना आसान नहीं जितना दिखता है। थोड़ी सी लापरवाही आपको बाद में भारी नुकसान में डाल सकती है। इसलिए खरीदने से पहले कुछ जरूरी बिंदुओं की जांच करना बेहद ज़रूरी है।
पुरानी कार खरीदते वक्त सिर्फ उसकी बाहरी चमक को देखकर निर्णय न लें, बल्कि उसकी तकनीकी स्थिति, दस्तावेज़, और मालिकाना इतिहास जैसे पहलुओं को अच्छे से परखें। यह आर्टिकल आपके लिए उन 6 अहम बातों को स्पष्ट करेगा, जिनका ध्यान रखकर आप एक भरोसेमंद और फायदेमंद सौदा कर सकते हैं।
कार के दस्तावेज़ अच्छे से जांचें
कार की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), इंश्योरेंस पेपर, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और सर्विस रिकॉर्ड की जांच करें। यह देखना जरूरी है कि गाड़ी चोरी की तो नहीं है और उस पर कोई बकाया टैक्स या चालान तो नहीं है। दस्तावेज़ साफ होने पर ही सौदा आगे बढ़ाएं।
ओडोमीटर रीडिंग पर ध्यान दें
कार की कुल चली हुई दूरी यानी ओडोमीटर रीडिंग से पता चलता है कि गाड़ी कितनी इस्तेमाल की गई है। बहुत बार डीलर या मालिक ओडोमीटर में छेड़छाड़ कर कम रीडिंग दिखाते हैं, इसलिए गाड़ी की स्थिति और रीडिंग में तालमेल बैठता है या नहीं, इसका आकलन ज़रूर करें।
गाड़ी का एक्सटीरियर और बॉडी चेक करें
कार की बॉडी में कहीं जंग, डेंट या रिपेंटिंग तो नहीं हुई है, यह देखें। पुरानी गाड़ी में हल्की-फुल्की खरोंच होना आम बात है, लेकिन बड़े एक्सीडेंट के निशान होने पर गाड़ी को छोड़ देना ही बेहतर होगा।
इंजन और टेस्ट ड्राइव का निरीक्षण करें
गाड़ी का इंजन स्मूद स्टार्ट हो रहा है या नहीं, इसमें कोई आवाज या वाइब्रेशन तो नहीं, इसका ध्यान दें। टेस्ट ड्राइव से यह समझ आता है कि गाड़ी का ब्रेक, गियर, क्लच और सस्पेंशन कितने बेहतर हैं।
सर्विस हिस्ट्री और मेंटेनेंस रिकॉर्ड देखें
अगर गाड़ी की सर्विस नियमित रूप से अधिकृत सर्विस सेंटर में हुई है तो वह गाड़ी अधिक भरोसेमंद होती है। पुराने बिल या ऑनलाइन सर्विस रिकॉर्ड की मदद से आप इसके रख-रखाव की स्थिति को समझ सकते हैं।
कीमत की तुलना और मोलभाव करें
पुरानी कार की मार्केट वैल्यू जानना जरूरी है। अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर गाड़ियों की कीमत की तुलना करें और जरूरत पड़ने पर मोलभाव जरूर करें। कभी-कभी अच्छे मोलभाव से लाखों की बचत हो सकती है।
