Home Loan Tips: होम लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं? पहले जान लें 4 बातें, वरना हो सकता है नुकसान

होम लोन से जुड़ी जरूरी बातें। (Image-AI)
Home Loan Tips: घर खरीदना सभी लोगों का जिंदगी का बड़े सपनों में से एक होता है। इसके लिए लोग दिन-रात एक कर देते हैं। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए होम लोन की मदद भी अक्सर लेनी पड़ती है। आज के समय में ज्यादातर बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां होम लोन की सुविधा देती हैं, लेकिन आप अगर होम लोन से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं रखते हैं तो आपका ये कदम भारी बोझ में भी बदल सकता है।
आपने अगर होम लोन इमरजेंसी में लिया है तो चूक हो सकती है। ऐसे में आपके ऊपर आर्थिक दबाव पड़ सकता है। इसलिए लोन लेने से पहले उससे जुड़ी शर्तें, ब्याज दरें, चार्जेस और ईएमआई स्ट्रक्चर को समझना बहुत जरूरी है।
होम लोन के लिए 4 बातों का रखें ध्यान
ब्याज दर और चार्जेस की पूरी जानकारी लें
होम लोन में सबसे अहम भूमिका ब्याज दर की होती है। फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट का फर्क समझें। फ्लोटिंग रेट समय के साथ बदल सकता है, जबकि फिक्स्ड रेट स्थिर रहता है। इसके अलावा, प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज और फोरक्लोजर फीस जैसे छिपे हुए चार्जेस के बारे में स्पष्ट जानकारी रखें। कभी-कभी कम EMI के चक्कर में लोग ज्यादा ब्याज चुका बैठते हैं।
डाउन पेमेंट को लेकर गलतफहमी न पालें
अक्सर लोगों को लगता है कि बैंक प्रॉपर्टी की पूरी कीमत पर लोन देगा, लेकिन बैंक आमतौर पर सिर्फ 75% से 90% तक ही लोन देते हैं। बाकी रकम आपको डाउन पेमेंट के रूप में देनी होती है। अगर पहले से इसकी प्लानिंग नहीं की गई हो, तो अचानक पैसों का इंतजाम करना मुश्किल हो सकता है और डील भी हाथ से निकल सकती है।
कम लोन मिला तो ये उपाय करें
अगर आपकी पात्रता के अनुसार कम लोन स्वीकृत हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं। आप किसी परिजन या जीवनसाथी को को-एप्लीकेंट बनाकर लोन अमाउंट बढ़वा सकते हैं। इससे बैंक की नजर में आपकी संयुक्त आय बढ़ेगी और अधिक लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। साथ ही आप ऑनलाइन हाउसिंग लोन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
EMI तय करते समय सोच-समझकर फैसला लें
EMI का सीधा असर आपकी मासिक इनकम और खर्चों पर पड़ता है। कम EMI लेने से आपकी जेब को तात्कालिक राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन इससे लोन की अवधि और ब्याज दोनों बढ़ जाते हैं। बेहतर होगा कि आप अपनी इनकम और खर्चों का विश्लेषण कर एक संतुलित EMI चुनें, जिससे लोन चुकाने का दबाव न बने।
