Aadhaar Card: कितने प्रकार के होते हैं आधार कार्ड? जानिए हर एक की अपनी खासियत

Types of Aadhaar Card
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आधार कार्ड के फॉर्मेट।

Aadhaar Card: आधार कार्ड एक बेहद जरूरी दस्तावेज है और इसे आप चार तरह के फॉर्मेट में हासिल कर सकते हैं। जानते हैं इनके जुड़ी डिटेल।

Aadhaar Card: आज की डिजिटल दुनिया में आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक के लिए एक बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट बन गया है। चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो, मोबाइल सिम खरीदनी हो या बैंक में खाता खुलवाना हो – हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने नागरिकों की सुविधा के लिए आधार कार्ड के चार अलग-अलग फॉर्मेट्स लॉन्च किए हैं, जो अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से काम आते हैं।

हर आधार कार्ड फॉर्मेट की अपनी खासियत होती है। ये सभी UIDAI द्वारा अधिकृत और मान्य होते हैं, जिन्हें सरकारी और प्राइवेट दोनों ही संस्थान पहचान के तौर पर स्वीकार करते हैं। आइए जानते हैं आधार कार्ड के इन चारों फॉर्मेट्स के बारे में विस्तार से और किसे किस स्थिति में उपयोग करना सही होता है।

आधार लेटर (Aadhar Letter)

यह एक पेपर बेस्ड लैमिनेटेड डॉक्यूमेंट होता है जिसमें आपका नाम, पता, आधार नंबर और एक क्यूआर कोड होता है। यह सबसे पारंपरिक और आम फॉर्मेट है, जिसे UIDAI डाक के माध्यम से आपके पते पर भेजता है। अगर यह कार्ड खो जाए या खराब हो जाए, तो UIDAI की वेबसाइट से ₹50 देकर नया ऑर्डर किया जा सकता है।

आधार पीवीसी कार्ड (Aadhar PVC Card)

यह आधार कार्ड का नया और मजबूत फॉर्मेट है जो प्लास्टिक कार्ड की तरह होता है। इसमें सिक्योर क्यूआर कोड, होलोग्राम, फोटो और डिजिटल सिग्नेचर होता है। यह दिखने में एटीएम कार्ड जैसा होता है और आसानी से जेब में रखा जा सकता है। इसे UIDAI की वेबसाइट से ₹50 देकर मंगवाया जा सकता है।

mAadhar (एम-आधार ऐप)

यह मोबाइल ऐप में मौजूद आधार कार्ड का डिजिटल फॉर्म है, जिसे UIDAI ने विकसित किया है। इसमें आपकी फोटो, जनसांख्यिकी जानकारी और क्यूआर कोड मौजूद होता है। इसे एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर पहचान पत्र के रूप में मान्यता दी जाती है। इसे Google Play Store या App Store से मुफ्त डाउनलोड किया जा सकता है।

eAadhar (ई-आधार)

ई-आधार एक पासवर्ड-संरक्षित डिजिटल आधार है, जिसे UIDAI की वेबसाइट से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें डिजिटल सिग्नेचर और क्यूआर कोड होता है। यह भी फिजिकल आधार की तरह ही हर जगह मान्य होता है।

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