Financial Planning: 25000 की SIP से 35 की उम्र से पहले बन सकते करोड़पति? जानिए पूरा कैलकुलेशन

35 साल में अगर 1 करोड़ रुपये कमाने हैं तो कैसे एसआईपी का इस्तेमाल कर सकते।
Financial Planning: भारत में ज्यादातर लोग 23 से 24 साल की उम्र में नौकरी शुरू करते हैं। शुरुआती करियर में सैलरी कम होती है और खर्च ज़्यादा इसलिए करोड़पति बनने का सपना अक्सर दूर की कौड़ी लगता है अगर प्लानिंग सही हो, खर्चों पर कंट्रोल रखा जाए और निवेश में अनुशासन बनाया जाए, तो 35 की उम्र से पहले 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता।
अच्छी बात यह है कि शुरुआत बहुत भारी भरकम नहीं होनी चाहिए। महीने के 25 हजार रुपये की एसआईपी (Systematic Investment Plan) से भी आप करोड़पति बनने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सकते।
25 हजार रुपये की SIP से कैसे पूरा होगा 1 करोड़?
अगर आप हर महीने 25 हजार रुपये निवेश करते हैं और लगभग 10% की औसत सालाना रिटर्न (CAGR) मिलती है, तो आपको 1 करोड़ रुपये बनाने में करीब 15 साल लगेंगे।
उदाहरण के लिए
- SIP राशि: 25,000 प्रति माह
- अवधि: 15 साल
- अनुमानित रिटर्न: 10%
- कुल निवेश: ₹45,00,000
- कुल वैल्यू: ₹1,04,48,106
मतलब, 15 साल में आपका लक्ष्य पूरा हो सकता है। लेकिन अगर आप 35 की उम्र से पहले करोड़पति बनना चाहते हैं तो आपको 20 साल की उम्र में SIP शुरू करनी होगी, जो ज़्यादातर लोगों के लिए संभव नहीं होता। ऐसी सूरत में अगर आपको 35 से पहले करोड़पति बनना है तो अलग रास्ता अपनाना होगा।
क्या स्टेप-अप-एसआईपी से लक्ष्य जल्दी हासिल हो सकता?
हां, बिल्कुल। स्टेप-अप-एसआईपी एक ऐसा तरीका है जिसमें आप हर साल अपनी SIP की राशि थोड़ी बढ़ा देते हैं, जैसे 10%, 15% या 20%। यह आपकी इनकम बढ़ने के साथ निवेश भी बढ़ाता है और कंपाउंडिंग का फायदा तेजी से मिलता है।
- Step-Up SIP का उदाहरण
- शुरुआती SIP: 25,000
- स्टेप-अप: 10% हर साल
- अवधि: 11 साल
- अनुमानित रिटर्न: 12%
- कुल निवेश: 55,59,350
- कुल वैल्यू: ₹1,03,36,290
इस तरह महज़ 11 साल में 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा हो सकता है। यानी अगर आप 24–25 की उम्र में करियर शुरू कर रहे हैं, तो 35 की उम्र तक करोड़पति बनना पूरी तरह संभव है।
कौन-से फंड चुनें?
कम अवधि में बड़े लक्ष्य पाने के लिए शेयर बाज़ार से जुड़े इक्विटी म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प माने जाते हैं, क्योंकि इनमें लंबी अवधि में पारंपरिक साधनों से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। लेकिन याद रखें कि म्युचूअल फंड में बाज़ार का जोखिम होता है, इसलिए किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही अपनी योजना तय करें। एक सही बनाया गया प्लान जोखिम कम करके बेहतर रिटर्न दिला सकता है।
(प्रियंका कुमारी)
(Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के आधार पर है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी तरह के निवेश या फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें)
