2025 में शेयर बाजार का औसत प्रदर्शन: निफ्टी सिर्फ 9.4% बढ़ा, सोने ने दिया बेहतर रिटर्न, जानिए क्यों टिके रहे बड़े शेयर?

2025 Investment Report Stock Market Gold
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2025 में शेयर बाजार का प्रदर्शन औसत रहा, निफ्टी सिर्फ 9.4% बढ़ा जबकि सोने ने बेहतर रिटर्न दिया।

2025 में शेयर बाजार का प्रदर्शन औसत रहा, निफ्टी सिर्फ 9.4% बढ़ा जबकि सोने ने बेहतर रिटर्न दिया। जानिए क्यों बड़े शेयर टिके रहे, स्मॉलकैप फिसले और कैसे अनुशासन ने निवेशकों को बचाया।

2025 Investment Report: साल 2025 भारतीय निवेशकों के लिए आसान नहीं रहा। शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव, ऊंचे वैल्यूएशन और कमजोर होती कमाई ने निवेशकों की परीक्षा ली। पूरे साल भारतीय शेयर बाजार एक तरह से ठहराव के दौर में ही रहा। निफ्टी ने साल 2025 में करीब 9.4 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जिसे बहुत मजबूत प्रदर्शन नहीं कहा जा सकता। वैश्विक स्तर पर देखें तो निफ्टी 21 प्रमुख शेयर सूचकांकों में तीसरा सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला इंडेक्स रहा। 2024 में जहां निफ्टी 13वें स्थान पर था, वहीं 2025 में वह फिसलकर 19वें पायदान पर आ गया। बाजार की इस सुस्ती के पीछे कई घरेलू और वैश्विक कारण रहे। देश के भीतर खपत में कमजोरी, खासकर शहरी मांग में सुस्ती, और कंपनियों की कमाई में धीमी बढ़ोतरी ने निवेशकों का भरोसा डगमगाया। इसके साथ ही पहले से ही ऊंचे वैल्यूएशन बाजार पर दबाव बनाए हुए थे।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बनाया दबाव

विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, जो मुख्य रूप से अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड के ऊंचे स्तर और वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रेरित थी, ने भी भारतीय शेयर बाजार पर शेयरों से पूंजी बाहर जाने को मजबूर कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ को लेकर दी गई चेतावनियों जैसी भू-राजनीतिक चिंताओं ने अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। इसका असर पूरे बाजार में साफ तौर पर दिखाई दिया। 100 करोड़ रुपए से ज्यादा मार्केट कैप वाली सूचीबद्ध कंपनियों में से करीब 69 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 में नकारात्मक रिटर्न दिया है, जबकि 2024 में यह आंकड़ा केवल 28 प्रतिशत था। यानी गिरावट सिर्फ कुछ चुनिंदा शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि बाजार का वाल्यूम भी कमजोर रहा। कॉरपोरेट नतीजे भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। निफ्टी 50 की कंपनियों ने लगातार छह तिमाहियों तक केवल सिंगल डिजिट में बढ़ोतरी दर्ज की और सितंबर 2025 की तिमाही में यह वृद्धि महज 2 प्रतिशत देखने को मिली।

निफ्टी 50 का मिडकैप और स्मॉलकैप से बेहतर प्रदर्शन

ऐसे माहौल में, निवेशकों की रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। तेज रिटर्न की तलाश की बजाय स्थिरता को प्राथमिकता दी गई। मजबूत ब्रांड, भरोसेमंद बिजनेस मॉडल और अपेक्षाकृत स्थिर कमाई वाली बड़ी कंपनियों की ओर निवेशकों का झुकाव बढ़ा। मिडकैप शेयरों ने सीमित लेकिन सकारात्मक रिटर्न दिए, जबकि स्मॉलकैप शेयरों में मुनाफावसूली, कमजोर कमाई और वैश्विक जोखिमों के कारण दबाव बना रहा। नतीजतन, 2025 में निफ्टी 50 ने मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों से बेहतर प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर, 2025 ने निवेशकों को यह सबक दिया कि अस्थिर बाजार में सही समय पकड़ने की कोशिश से ज्यादा जरूरी अनुशासन, धैर्य और संतुलित पोर्टफोलियो होता है। यही रणनीति लंबे समय में बेहतर परिणाम देती है।

रिपोर्ट: एपी सिंह।

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