लंप सम निवेश का जादू: 2 लाख रुपये कैसे बन सकते हैं 10 गुना? जानें पूरा गणित

2 lakh investment plan sip vs lum sum
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2 लाख का लंपसम निवेश कैसे 10 गुना बढ़ सकता। जानें

Financial Tips: एक बार किया गया 2 लाख रुपये का लंपसम निवेश भी समय के साथ कई गुना बढ़ सकता। 10 साल में यह रकम ढाई गुना जबकि 15–20 साल में 5 से 10 गुना तक बढ़ने की क्षमता रखती है।

Financial Tips: अगर आप नियमित निवेश करते हैं तो यह अच्छी आदत है लेकिन इसे समय-समय पर किए गए लंप सम निवेश के साथ जोड़ दिया जाए, तो आपकी वेल्थ क्रिएशन की रफ्तार बढ़ सकती। कई बार हमें बोनस, टैक्स बेनिफिट या अतिरिक्त इनकम मिल जाती। ऐसे मौकों पर थोड़ा-बहुत पैसा लंप सम तरीके से निवेश करना आपके पोर्टफोलियो के लिए एक तरह का टर्बो बूस्टर साबित हो सकता है।

लंप सम निवेश की सबसे बड़ी ताकत है, प्रिंसिपल अमाउंट पर कंपाउंडिंग। यानी निवेश की गई पूरी राशि पहले दिन से ही रिटर्न कमाने लगती और साल दर साल यह रकम तेजी से बढ़ती जाती। इसी वजह से लंबे समय में छोटे-से निवेश की भी वैल्यू कई गुना तक बढ़ जाती।

2 लाख रुपये का निवेश: कितनी बढ़ेगा रकम?

मान लीजिए एक निवेशक 2 लाख रुपये का लंप सम निवेश लंबे समय के लिए करता। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में लंबे समय में 12-14% तक वार्षिक रिटर्न देखने को मिलते रहे हैं। ऐसे में ये 2 लाख रुपये कहां पहुंच सकते हैं?

10 साल का लेखा-जोखा (10% एनुअल रिटर्न पर)

निवेश राशि: 2 लाख रुपये

अवधि: 10 साल

अनुमानित रिटर्न: 318748 रुपये

कुल वैल्यू: 518748 रुपये

यानी 10 साल में आपकी रकम 2 लाख से बढ़कर ढाई गुना हो सकती ।

15 साल का हिसाब (12% एनुअल रिटर्न पर)

निवेश राशि: 2 लाख रुपये

अवधि: 15 साल

अनुमानित रिटर्न: 8,94,713 रुपये

कुल वैल्यू: 10,94,713 रुपये

यहां आपकी रकम 5 गुना तक पहुंच जाती है।

20 साल का लंबा खेल (12% एनुअल रिटर्न पर)

निवेश राशि: 2 लाख रुपये

अवधि: 20 साल

अनुमानित रिटर्न: 17,29,258 रुपये

कुल वैल्यू: 19,29,258 रुपये

इस अवधि में आपका निवेश लगभग 10 गुना तक बढ़ सकता है।

यह आंकड़े दिखाते हैं कि एक बार किया गया छोटा सा निवेश भी समय के साथ कितना बड़ा बन सकता। लंबी अवधि में कंपाउंडिंग आपके पैसे को ऐसे बढ़ाती है, जैसे पेड़ पर हर साल नई शाखाएं बढ़ती चली जाएं।

किसमें करें लंप सम निवेश?

लंप सम निवेश का सबसे लोकप्रिय विकल्प है-इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स बेहतर होते हैं। ये जोखिम को फैलाते हैं, प्रोफेशनल मैनेजमेंट मिलता है और कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है। बस निवेश से पहले अपनी रिस्क क्षमता, लक्ष्य और बाजार की स्थिति को जरूर समझें। बेहतर प्लानिंग के लिए किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेना हमेशा फायदेमंद रहता है।

(प्रियंका कुमारी)

(Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता। शेयर बाजार या किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें। )

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