जीएसटी पर गतिरोध टूटा, बिल इसी सत्र में

जीएसटी पर गतिरोध टूटा, बिल इसी सत्र में
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हरियाणा के अलावा बैठक में पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर के वित्तमंत्री शामिल हुए।

नई दिल्ली. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर सोमवार को समझौता हो गया। इसके तहत केंद्र ने यहां पेट्रोलियम को इस प्रस्तावित कर प्रणाली से बाहर रखने का फैसला किया है, वहीं राज्यों ने प्रवेश शुल्क को इस प्रणाली में सम्मिलित करने पर सहमति जताई है।

जीएसटी अप्रैल 2016 से लागू होना प्रस्तावित है। सहमति बनाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सात राज्यों के वित्त मंत्रियों संग सोमवार को बैठक की। इसमें हरियाणा की ओर से वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने शिरकत की। हरियाणा के अलावा बैठक में पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर के वित्तमंत्री शामिल हुए। इस संबंध में अन्य राज्यों की चिंताओं को पहले ही दूर किया जा चुका है।
बैठक में फैसला किया गया कि सभी अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी में सम्मिलित किए जाने के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान के मुआवजे के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय कानूनी सलाह लेगा कि इसे संविधान संशोधन विधेयक में कैसे शामिल किया जा सकता है। केंद्र व राज्यों में गतिरोध टूटने से जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को संसद के इसी सत्र में पेश किए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, लेकिन इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल को विधेयक की पुष्टि करनी होगी।
वित्तमंत्री अरुण जेटली की सात राज्यों के वित्तमंत्रियों के साथ घंटे भर की बैठक में इस समझौते पर सहमति बनी। सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को शुरुआती कुछ साल के लिए जीएसटी विधेयक से बाहर रखने पर सहमति बनी है। इन्हें नई कर प्रणाली में शामिल करने पर बाद में फैसला किया जाएगा।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, अब्दुल रहीम राठेर ने क्या कहा -
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