नई उम्मीदों का उत्सव

X
By - ??. ????? ?????? |18 Aug 2014 6:30 PM
मोदी ने देश के आवाम से सीधा संवाद करके राष्ट्र के सजग प्रहरी होने का सबूत पेश कर दिया है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, परंतु दूसरी ओर उन चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके पास दृढ़ इच्छाशक्ति व दूरदृष्टि भी है। मोदी ने देश के आवाम से सीधा संवाद करके राष्ट्र के सजग प्रहरी होने का सबूत पेश कर दिया है।
अभी देश ने 68वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने स्वयं को देश के प्रधान सेवक के रूप में प्रस्तुत करके सही मायनों में खुद को बहुत ऊंचा साबित कर दिया। पिछले दो-तीन दशक के बाद यह पहला मौका था जब आजादी के इस पर्व पर देश के लोगों ने नई उम्मीद का उत्सव मनाया। पिछले दो-तीन दशकों से राजनीति अपने पथ से भटकती हुई दिखाई दे रही थी। राजनीति में लगातार विचलन के चलते देश का शासन व प्रशासन लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा था। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि लोग भूल बैठे कि देश के आम नागरिक होने के नाते उनके भी कुछ दायित्व हैं। ऐसी स्थिति में लाल किले से दिये गये प्रधानमंत्री के भाषण से देश में निराशाजनक स्थिति से बाहर निकलने की उम्मीद भी जगी है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जिन खास बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट किया दरअसल, वे रोजमर्रा की जिदंगी से भी जुड़े हैं और जो देश के विकास में बहुत बड़ी बाधा बने हैं। मोदी ने जिस प्रकार एक साथ चलने, एक साथ सोचने तथा देश को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ प्रतिबद्ध होने का सूत्र प्रस्तुत किया उसमें पारस्परिक सहमति के आधार पर आगे बढ़ने की ललक दिखाई देती है। इससे यह भी सच्चाई सामने आती है कि देश में अभी भी अनेक मुद्दों पर असहिष्णुता है। लोगों के बीच धर्म व जाति के नाम पर तंग दिली है। यही वजह है कि देश में वैचारिक टकराव के चलते हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने जिस धन-जन योजना के बारे में चर्चा की है वह गांधी जी के द्वारा अंतिम व्यक्ति के बारे में कही गई बात के समान ही ठहरती है। क्योंकि देखने में आ रहा है कि आजादी के सातवें दशक की समाप्ति पर भी हम तकरीबन एक तिहाई आबादी को ठीक तरीके से दो वक्त का भोजन भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। अभी तक देश में सांसदों के क्षेत्र में किये जाने वाले विकास और सांसद निधि पर तमाम सवाल उठते रहे हैं। अब आगामी समय में सांसदों के लिए अपने क्षेत्र में आदर्श ग्राम विकसित करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसके दो स्पष्ट लाभ होंगे। एक तो यह कि गांव धीरे-धीरे विकास की प्रक्रिया में आयेंगे तथा साथ ही इन गांवों का सीधा संवाद सांसद और संसद से बनेगा।
आज तमाम प्राथमिक स्कूलों में लड़कियां इसलिए नहीं पढ़ पातीं क्योंकि वहां शौचालय नहीं है। इससे पूर्व में भी हम शौचालय से अधिक देवालय की बहस से रूबरू हो चुके हैं। ग्रामीण स्वच्छता से जुड़े आंकड़े भी साक्षी हैं कि गांव के घरों में शौचालय न होने के कारण लड़कियां और महिलायें यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं। अनेक लड़कियों को गांव में शौचालय न होने से विवाह तक से वंचित होना पड़ा है।
देश में होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाओं को हम अनेक बार पीड़ित लड़की अथवा महिला को दोषी ठहराते हैं, परंतु इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने हम उम्र युवाओं के साथ में उनके अभिभावकों को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने ऐसे किशोरों के मां-बाप को खुली नसीहत दी कि वे एक पक्षीय व दोषपूर्ण सामाजीकरण के अंतर्गत लड़की को कमतर आंकना बंद करें तथा पुत्र के लिए सब कुछ माफ करने की संस्कृति से बाहर आयें। यह एक समाजशास्त्रीय यथार्थ है कि किशोरों में सामाजिक विकृतियों की शुरुआत घर से ही होती है। लिहाजा इनको ठीक करने की शुरुआत भी हमें घर से ही करनी होगी।
प्रधानमंत्री ने साफ किया कि हम यह मान बैठे हैं कि जो विदेशी है वही श्रेष्ठ है। इसलिए प्रधानमंत्री ने स्वदेशी पर जोर देते हुए पूरी दुनिया के सामने ‘कम एण्ड मेक इन इंडिया’ का विचार प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने तमाम विदेशी कंपनियों को आह्वान किया कि वे भारत में आकर रोजमर्रा की जरूरतों का सामान बनाकर पूरी दुनिया में उसका विक्रय करें। इसका सीधा सा तात्पर्य है कि हम आगामी दिनों में भौतिक व आमजन से जुड़ी वस्तुओं में भारत की पहचान ‘मेड इन इंडिया’ के रूप में बनायेंगे। इससे देश में जहां स्वदेशी का भाव पनपेगा, वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। डिजिटल इंडिया का सूत्र देते हुए प्रधानमंत्री का विचार है कि आज सूचना तकनीक पूरे भारत को ऐसे जोड़ रही है जैसे रेल ने देश के लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ा है। निश्चित ही यह तकनीक गांव से लेकर शहरों तक तथा अमीर से लेकर गरीब तक लोगों व संस्थाओं को वैश्विक स्तर की ताकत देने का काम करेगी।
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS