मुलायम का अमर प्रेम

X
By - ????? ?????? ???? |8 Aug 2014 6:30 PM
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अपने ‘अमर-प्रेम’ की चार साल पुरानी कहानी फिर शुरू कर दी है।
लोकसभा चुनाव की करारी हार से उबरने और दो महीने बाद प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा की भाजपा के कब्जे वाली एक दर्जन सीटों के उपचुनाव में प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में लगे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अपने ‘अमर-प्रेम’ की चार साल पुरानी कहानी फिर शुरू कर दी है।
किसी हारे हुए महारथी के सारे कस-बल ढीले पड़ गये हों और आगे कोई उम्मीद की किरण नजर न आ रही हो, तो शायद ऐसा ही होता है। लोकसभा चुनाव की करारी हार से उबरने और दो महीने बाद प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा की भाजपा के कब्जे वाली एक दर्जन सीटों के उपचुनाव में प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में लगे समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अपने ‘अमर-प्रेम’ की चार साल पुरानी कहानी फिर शुरू कर दी है। यह और बात है कि जानकारों द्वारा इसे प्रेम की बजाय उनका नया गेम बताया जा रहा है।
उन्होंने इस गेम के लिए ‘छोटे लोहिया’ के नाम से प्रसिद्घ दिवंगत सपा नेता जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनकी स्मृति में चार सौ करोड़ की लागत से राजधानी लखनऊ की 376 एकड़ भूमि पर विकसित भव्य पार्क के लोकार्पण के मौके को चुना तो अपनी खास तरह की ‘तिकड़मी’ रीति-नीति से सपा का भट्ठा बैठा देने के आरोप में चार साल पहले निकाले गये उसके तब के ‘नम्बर दो’ और अब राज्यसभा के असंबद्घ सदस्य अमर सिंह मंच पर प्रगट हुए। उन्होंने खुद को मुलायम के आदेश पर आया और समाजवादी की बजाय मुलायमवादी बताया तो अनेक प्रेक्षकों को एकबारगी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। बाद में उन्होंने कहा कि वे सपा में शामिल नहीं हो रहे तो एक प्रेक्षक की टिप्पणी थी कि शायद इसके लिए उन्हें मुलायम के एक और आदेश की दरकार है जबकि दूसरे का कहना था कि चतुर मुलायम बात-बात पर कोपभवन में चले जाने वाले अपने सिपहसालार-ए-खास आजम खां को, जो अमर सिंह के उतने ही कट्टर विरोधी हैं, जितने मुलायम सिंह मायावती के, एक साथ नहीं किश्तों में झटके देना चाहते हैं। आखिरकार, औरों की तरह उन्हें भी इल्म है ही कि उनका यह प्रेम या कि गेम शुरू होने से पहले से ही ‘एक को मनाऊं तो दूजा रूठ जाता है’ वाली मुश्किल का शिकार है।
इस मुश्किल को तथ्यों की कसौटी पर परखें तो लोकार्पण समारोह में अमर के आने की भनक पाते ही सपा का अमर विरोधी खेमा सक्रिय हो उठा है। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने समारोह का खुला बहिष्कार किया तो रामगोपाल यादव व नरेश अग्रवाल जैसे नेता भी उसमें नहीं आये। सपा में अमर की तूती बोलने के दिनों में आजम उनके प्रबल विरोध का खामियाजा पार्टी से अपने निष्कासन के रूप में चुका चुके हैं। बाद में पार्टी ने अमर को बाहर का रास्ता दिखाया तो काफी मानमनौवल के बाद आजम 2012 के विधानसभा चुनाव से थोड़ा पहले ‘घर वापस’ आ गये थे। मुलायम द्वारा इस चुनाव में सपा को बहुमत मिलने के श्रेय का एक हिस्सा आजम के खाते में भी डाला जाता रहा है लेकिन जीत के बाद मुलायम ने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया तो उन्हें आजम को राजी करने के लिए जमीन आसमान एक करनी पड़ी थी।
अभी भी आजम पार्टी में सहज नहीं रहते और अपनी नाराजगियों की शृृंखला में नई-नई कड़ियां जोड़ते रहते हैं। उनके व मुलायम के बीच ‘तू डाल डाल मैं पात पात’ का खेल भी चलता रहता है।
अखिलेश सरकार बनी तो कहते हैं कि आजम गृहमंत्री बनना चाहते थे जबकि मुलायम उनको विधानसभाध्यक्ष बनाकर निपटा देना चाहते थे। बाद में मेरठ के प्रभारी मंत्री पद से आजम को हटाये जाने का मामला हो या उन परिस्थितियों का जिनमें उन्होंने पार्टी की आगरा कार्यकारिणी का बहिष्कार किया, मुजफ्फरनगर के दंगे हों या दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम के दामाद को एमएलसी बनाने का मामला, आजम पार्टी लाइन के खिलाफ मोर्चा लगाकर उसकी भद पिटवाते रहे हैं। एक बार अखिलेश के साथ विदेश यात्रा पर गये तो वहां भी विवादों से अपना बचाव नहीं कर पाये। फिलहाल वे शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव के मामले में अपनी अनसुनी और एक शिया नेता को ज्यादा तरजीह दिये जाने से नाराज हैंं।
कई हलकों में कहा जा रहा है कि आजम के नाज उठाते-उठाते आजिज आ चुके सपा सुप्रीमो अमर सिंह की वापसी कराकर उन्हें सख्त संदेश देना चाहते हैं। वैसे भी लोकसभा चुनाव में मुसलमान मतदाताओं के बिखराव ने आजम के उन पर प्रभाव के दावे की कलई खोल दी है और वे सपा के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं रह गये हैं लेकिन स्थिति के दूसरे पहलू पर जायें तो पोल तो अमर सिंह की भी खुल चुकी है।
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS