भारत की अध्यात्मिक गुरु परम्परा में नानक देव

नई दिल्ली. भारत की अध्यात्मिक गुरु परम्परा में नानक देव सच्ची गुरुता के सर्वोच्च प्रतीक हैं। उनके नाम के साथ जुड़कर ‘गुरु’ शब्द ने जितनी गरिमा पाई, उतनी किसी और नाम के साथ नहीं! जीवन व्यवहार में गुरु नानक की शिक्षा कालजयी हैं। सैकड़ों वर्षों के उपरांत आज भी वे सर्वथा प्रासंगिक और अनुकरणीय बनी हुई हैं। संत शिरोमणि गुरु नानक देव के करोड़ों अनुयायी देश और दुनिया में उनके संदेशों और शिक्षाओं को आत्मसात कर रहे हैं। सैकड़ों वर्षों से छाया पाखंड, फरेब और मक्कारी का अंधकार गुरु नानक देव की वाणी के सुमधुर प्रकाश में स्वत: ही विलीन होता हुआ प्रतीत होता है। प्रेम, बंधुत्व और समानता के संदेशवाहक गुरु नानक देव मानव धर्म के वास्तविक प्रणेता थे। उनके अनुयायियों में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही थे, तभी तो उनके बारे में एक लोकोक्ति अत्यंत लोकप्रिय रही-
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